पंचायतों की परिकल्पना साकार करने को करेंगे संघर्ष : मेहता

Newsdesk Uttranews
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उत्तरा न्यूज पिथौरागढ़। त्रिस्तरीय पंचायत की शीर्षस्थ संस्था में 73वें संविधान संसोधन के बाद भी आज तक पहले की ही स्थिति बनी हुई है।जबकि संविधान का भाग होने के बाद भी शीर्ष पंचायत प्रतिनिधियों को अपने कार्य का मानदेय व क्षेत्रीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विकास निधि और कार्यकाल पूरा होने के बाद मिलने वाले आर्थिक सुरक्षा कवच से पंचायत प्रतिनिधि व नगर निकाय प्रतिनिधियों को महरूम रखा गया है।
जिला पंचायत के नव निर्वाचित सदस्य कोमल मेहता का कहना है कि संविधान प्रदत्त सुविधाओं से शीर्ष पंचायत प्रतिनिधियों को दूर करना सोचनीय विषय है। इसके लिए सभी पंचायत सदस्यों को साथ लेकर सदन से सड़क तक संघर्ष कर सवैधानिक हक दिलाना उनकी प्राथमिकताओं में एक है। इसके अलावा लोगों को विकास की धारा से जोड़ना, सरकार की योजनाओं को वंचित लोगों तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकताओं में है। कहा कि पंचायतों की परिकल्पना को साकार करने के लिए जिला पंचायत का गठन होने के बाद पंचायत प्रतिनिधियों को साथ लेकर संघर्ष शुरू किया जाएगा।