धराली गांव में आई तबाही ने अब नया मोड़ ले लिया है। इस बार सिर्फ गांव नहीं सेना भी इसकी चपेट में आ गई है। पांच अगस्त को जब उत्तरकाशी जिले में कहर बरपा उस वक्त सेना के जवान भी वहीं तैनात थे। अब खबर सामने आई है कि आर्मी के नौ जवानों का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। उधर ग्यारह जवान घायल हैं जिन्हें रेस्क्यू कर के एयरलिफ्ट किया गया और आईटीबीपी के मातली कैंप में शिफ्ट कर दिया गया है।
उत्तरकाशी पुलिस की तरफ से बताया गया है कि लापता जवानों के साथ आठ स्थानीय और दो नेपाली मजदूरों का भी अबतक कोई पता नहीं चला है। सेना की ओर से कहा गया है कि जो जवान गायब हुए हैं वो सभी निचले हर्षिल इलाके में ड्यूटी पर थे जब पहाड़ी दरकने लगी थी।
इस वक्त आईटीबीपी एनडीआरएफ और आर्मी मिलकर रेस्क्यू में जुटी हैं। लेकिन काम में सबसे बड़ा रोड़ा मौसम बन रहा है। लगातार हो रही बरसात ने रास्तों को तबाह कर दिया है। कई जगह सड़कों का नामोनिशान नहीं बचा है। कुछ इलाकों में पुल भी ढह गए हैं। जिसकी वजह से बाकी टीमें धराली तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
भारतीय सेना ने बताया है कि हालात बिगड़ते ही तुरंत राहत अभियान शुरू कर दिया गया था। अभी करीब दो सौ पच्चीस से ज्यादा जवान मौके पर मौजूद हैं। जिनमें इंफेंट्री और इंजीनियरिंग टीमें भी शामिल हैं। टेकला के पास सात टीमें स्पेशल डिवाइस के साथ तलाशी अभियान चला रही हैं। हर्षिल में सेना के खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ग्राउंड जीरो पहुंचे। उन्होंने बताया कि धराली में मलबा कई बार अलग अलग वक्त पर आया है और इसने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। सीएम ने बताया कि उन्होंने पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जाना है। सेना की मदद से अब तक करीब एक सौ नब्बे लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। घायलों को उत्तरकाशी लाया जा रहा है। कई इलाकों में भूस्खलन के कारण सड़कें पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं। सरकार हर मोर्चे पर हालात को संभालने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी से भी बात हुई है और उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
जो लोग इस त्रासदी के चश्मदीद हैं उन्होंने जो मंजर देखा वो कभी नहीं भूल पाएंगे। रोहित और रोशन उस समय धराली में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही पहाड़ी टूटी वैसे ही पानी और मलबे का सैलाब नीचे की ओर दौड़ा। किसी को संभलने का वक्त नहीं मिला। कई लोग भाग भी नहीं पाए और मलबे में ही दब गए।
ये सब कुछ दोपहर करीब एक बजकर पैंतालीस मिनट पर हुआ। सेना का शिविर धराली से महज चार किलोमीटर दूर है। जैसे ही सूचना मिली सेना के डेढ़ सौ जवान दस मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गए थे। फौरन रेस्क्यू शुरू कर दिया गया था। अब तक इस हादसे में पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। बाकी लोगों को तलाशने का काम लगातार जारी है।
