अरक्कोणम की एक बीस साल की कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की ने अपने ही पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लड़की का कहना है कि उसका पति देइवसेयल खुद को डीएमके पार्टी का नेता बताता है. वह डीएमके की युवा शाखा में डिप्टी सेक्रेटरी होने का दावा करता है. लड़की का आरोप है कि वह उसे बड़े नेताओं के पास भेजता था. जब वह मना करती तो बेरहमी से मारता.
उसका कहना है कि उसे कॉलेज छोड़ते वक्त रास्ते में पीटा जाता था. मोबाइल छीनकर तोड़ दिया जाता था. डराया जाता था कि अगर पुलिस में शिकायत की तो कोई सुनवाई नहीं होगी क्योंकि पुलिस उसी के साथ है. लड़की ने बताया कि वह इतना टूट चुकी थी कि उसने जहर खा लिया था. पर किसी तरह बच गई.
पीड़िता ने बताया कि उसका पति बार बार उस पर दबाव बनाता था कि वह पार्टी के नेताओं के साथ शारीरिक संबंध बनाए. जब वह इंकार करती तो कार के अंदर ही उसे प्रताड़ित किया जाता था. उसने बताया कि वह एग्जाम तक नहीं दे पाई. वह घर से बाहर निकलने से भी डरती है.
पीड़िता ने कहा कि उसका पति उसे सबके सामने गालियां देता है. उसने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से गुहार लगाई है कि कार्रवाई की जाए. उसका कहना है कि अगर कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह खुदकुशी कर लेगी.
इस पूरे मामले पर एआईएडीएमके ने भी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने डीएमके पर आरोप लगाया है कि वह आरोपी नेता को बचाने की कोशिश कर रही है. एआईएडीएमके नेता पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया पर कहा है कि डीएमके राज में पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिलता. उनकी पार्टी के विधायक एस. रवि ने आवाज उठाई, तब जाकर पुलिस हरकत में आई.
लड़की ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि उसके पति के संबंध स्कूल शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी से भी हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यौन उत्पीड़न के पक्के सबूत नहीं मिले हैं.
डीएमके की ओर से कहा गया है कि पुलिस जांच कर रही है और नतीजों के आधार पर पार्टी अपने स्तर पर भी कार्रवाई करेगी. वहीं एआईएडीएमके ने इस मामले की तुलना 2019 के पॉल्लाची सेक्स स्कैंडल से की है. पलानीस्वामी ने कहा है कि जब स्टालिन पॉल्लाची केस में सवाल उठाते थे तो अब उन्हें अरक्कोणम के इस मामले पर भी जवाब देना चाहिए. अगर कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी सड़कों पर उतरेगी.
