अमला रावत (Amla Rawat) को चाहिए सरकार से सहयोग

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अमला को चाहिए सरकार से सहयोग

जौनसार -बावर का इलाका अपने किसी परिचय का मोहताज नही है । यहाँ की माटी से निकलकर लोगे ने अलग अलग क्षेत्रो में नाम रौशन किया है । यहाँ की थाती-माटी से यूं ताे अनेकाे कलाकाराे ने नये आयाम छूए ,ओर यहां की संस्कृति काे देश-विदेश मे पहचान भी दिलाई।  

आज हम बात कर रहे है कु० अमला रावत (Amla Rawat) की जाे नाम आज गुमनामी में मानाे खाे सा गया हैं । अमला रावत ने  प्रारम्भिक पढाई अपने जन्म स्थान बुरास्वा व दसवी एटीएस स्कूल चकराता से की और स्नातक उन्होंने  डीएवी कालेज देहरादून से किया ।  सामाजिक रीति रिवाजाे मे पली बढी हाेने के साथ-साथ आगे की पढाई करने के बाद जाैनसार – बावर मे समता नामक संस्था के साथ अमला जुड़ गयी और एक शिक्षिका के रूप मे अपने क्षेत्र मे शिक्षा की अलख जगाने का कार्य किया ।  

इसके अलावा कई गीताे के साथ जाैनसार-बावर की बेटी अमला रावत (Amla Rawat) ने जौनसार बाबर  की  संस्कृति के अनेकाे गीत अपनी मधुर आवाज से लाेगाे तक पंहुचाऐ ।   चालाे धियान्टूडियाे,  गीतू लान्दी पाँऊणी की आवणी लागी गाँवदी  ऐसे कई गीताे  काे अमला  ने अपनी आवाज का जादू स्टेज व आडियाे केसेटाे मे बरकरार रखा .उसके बाद  इनका ध्यान कुछ नया करने की ओर गया और अमला रावत ने टाटा स्टीव ऐडवेंचर फाउडेशन झारखन्ड मे दाे वर्ष तक  कार्य किया इसी दाैरान इन्हे एवरेस्ट बेस केम्प जाने के लिए चुना गया ।

Almora- रानीखेत और भनोली के इन 2 गांवों को बनाया गया माइक्रो कंटेंटमेंट जोन(Micro Containment Zone)

अमला रावत (Amla Rawat) को है मदद की दरकार

अमला (Amla Rawat)ने इस चुनौती को  एवरेस्ट बेस केंप पंहुचकर ही पूरा किया । अमला ने अपनी विकट स्थिति के बावजूद  आर्थिकी स्थिति से जूझ रह है।  सरकार अगर इस जाैनसार बावर-की बेटी काे सहयाेग करे ताे जौनसार की बेटी सफ़लत की नयी उचाइयो को छू सकती है ।  

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