नजरिया : क्या गुटबाजी से पार पा पाएंगे हरीश रावत ?

Newsdesk Uttranews
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हेमराज सिंह चौहान

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उत्तराखंड में कांग्रेस ने पांचों लोकसभा सीटों पर टिकटों का एलान कर दिया है. अब दोनों तरफ के उम्मीदवार आपने सामने हैं. अल्मोड़ा-पिथोरागढ़ सुरक्षित सीट से अजय टम्टा और प्रदीप टम्टा आमने सामने हैं. यहां केंद्रीय राज्य मंत्री थोड़ा बढ़त में हैं लेकिन चुनाव प्रचार और हरीश रावत के नैनीताल से लड़ने से प्रदीप टम्टा को थोड़ा फायदा मिलेगा. सबसे दिलचस्प मुकाबला या कहें उत्तराखंड की हाईप्रोफाइल सीट नैनीताल बन गई है. हरीश रावत किच्छा से सीएम रहते विधानसभा चुनाव 2016 में हारे थे. वहीं अजय भट्ट मोदी लहर में पार्टी को 57 ऐतिहासिक सीटें तो दिला गए पर खुद हार गए. ये हार भी करन मेहरा से मिली थी जो हरीश रावत के रिश्तेदार हैं. मेरा मानना है कि यहां कांटे का मुकाबला होगा. अजय भट्ट जमकर यहां संगठन का और संसाधनों का फायदा उठाएंगे नहीं रावत की सबसे बड़ी परेशानी गुटबाजी है. इसके अलावा यशपाल आर्या और विजय बहुगुणा से भी उन्हें जूझना होगा जो उनके सीएम रहते बागी हुए थे. हरिद्वार सीट पर निशंक बढ़त में हैं पर यहां सपा-बसपा गठबंधन भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है. जिसका फायदा अंबरीश कुमार को होगा. पौड़ी गढ़वाल सीट पर मनीष खंडूरी की दस्तक ने भाजपा को बड़ी परेशानी में डाल दिया है. ऊपर से अजय कोठियाल निर्दलीय लड़ते हैं तो भाजपा और परेशानी में आएगी. तीर्थ सिंह रावत को यहां खूब मेहनत करनी होगी. टिहरी गढ़वाल सीट पर प्रीतम सिंह को उतारकर कांग्रेस ने बड़ा दाव खेला है. प्रीतम सिंह अनुभवी नेता है. वो यहां माला राजलक्ष्मी को टक्कर दे सकते हैं. इतिहास भले ही रानी और उनके घराने के साथ पर ये जमीन से जुड़ा नेता पासा पलट सकने की हिम्मत रखता है. अब देखना है कि जनता का ये फैसला लेगी. क्योंकि डबल इंजन की सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा. दूसरी बात ये है कि प्रदेश नेतृत्व मोदी के भरोसे है और उनसे 2016 विधानसभा जैसे चमत्कार की उम्मीद कर रहा है. अब वो लहर नहीं है भले ही हवा जरूर हो. कुल मिलाकर काग्रेस ने देवभूमि में अपनी वापसी की बिसात के लिए मोहरे तो बिछा दिए हैं लेकिन क्या वो इस बार क्लीन स्वीप करने से भाजपा को रोक पाएगी. यहां फिर जवाबी हमला करते हुए बदला लेगी या फिर मुकाबला बराबरी पर छूटेगा. चुनाव की तारीख को बहुत कम दिन बचे हैं तो उत्तराखंड की जनता दोनों पाले देखकर मन बना रही होगी या बना लिया होगा.