सत्र हुआ पूरा फिर भी नहीं मिली आरटीई की धनराशि

उत्तरा न्यूज डेस्क
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निशुल्क बच्चों का प्रवेश देने का विरोध कर सकते हैं स्कूल प्रबंधन

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सुभाष जुकरिया।

पाटी| काली कुमाऊं
के प्राइवेट विद्यालयों में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को दिए गए प्रवेशों की फीस प्रतिपूर्ति प्रवेश देने वाले निजी विद्यालयों को नहीं मिल पाई है | जिससे निजी स्कूल प्रबंधक खासे नाराज हैं |
नियमानुसार इन प्रवेशों पर स्कूल फीस विद्यालयों को दिया जाता है और प्रतीपूर्ती व्यय का रूपया सरकार व बच्चों को उनके खाते में देती है। लेकिन वर्ष 2015-16 से सामान्य बच्चों की धनराशि न स्कूलों को मिला है और न ही बच्चों को जिससे कई परेशानी का सामना करना पड रहा है। वहीं बच्चों के अभिभावकों को ऐसा लग रहा है कि स्कूल बच्चों की प्रतीपूर्ती व्यय का रुपया नहीं दे रहे हैं। पिछले सत्रों की तरह यह सत्र भी इंतजार में समाप्त होने जा रहा है लेकिन स्कूलों को निराशा ही हाथ लगी है।

शिक्षा अधिकारी भी कब रूपया मिलेगा सही से नहीं बता पा रहे हैं यही कहा जाता है कि जब आयेगा स्कूलों को दे दिया जायेगा। हालांकि पिछले तीन साल का आरक्षण वर्ग के बच्चों का रुपया दिया गया है। लेकिन सामान्य गरीब बच्चों का रुपया नहीं मिला । जिले के कई स्कूलों से इस बार कहा कि जब तक पुराना रूपया नहीं मिल जाता तब तक अगले सत्र में निशुल्क प्रवेश नहीं दिया जायेगा। विद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्रबंधकों का कहना कि हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है लिकिन आज चार साल हो गये जिससे विद्यालयों की आर्थिक स्थिती खराब हो गई है। 31मार्च तक अगर सरकार उक्त धनराशि नहीं देती तो 1अप्रैल से 25 प्रतिशत निशुल्क प्रवेश का विरोध किया जायेगा। बताते चलें निशुल्क प्रवेश के तहत बच्चों की फीस, विद्यालय ड्रेस, मिड डे मील का सारा खर्चा सरकार उठाती है। लेकिन पिछले वर्षों से यह धनराशि विद्यालयों को नहीं दी गई है।