चरम मौसम के दौरान महिलाओं के खिलाफ बढ़ जाते हैं यौन हमले: स्टडी

Newsdesk Uttranews
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लंदन, 14 जून (आईएएनएस। जलवायु परिवर्तन से महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा में वृद्धि हो सकती है। एक नए अध्ययन (स्टडी) में यह दावा किया गया है।

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डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पिछले अध्ययनों का विश्लेषण किया है और चरम (एक्सट्रीम) मौसम और महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ यौन हमलों तथा शारीरिक शोषण के बीच एक कड़ी का पता लगाया है।

टीम का सुझाव है कि इन घटनाओं के दौरान हिंसा में वृद्धि आर्थिक आघात, सामाजिक अस्थिरता, सक्षम वातावरण और तनाव जैसे कारकों से प्रेरित है।

अध्ययन के एक लेखक किम वैन डालन ने कहा, चरम घटनाएं स्वयं लिंग आधारित हिंसा का कारण नहीं बनती हैं, बल्कि वे हिंसा के चालकों को बढ़ाती हैं या ऐसे वातावरण का निर्माण करती हैं जो इस प्रकार के व्यवहार को सक्षम बनाते हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, 2000 से 2019 तक, दुनिया भर में लगभग चार अरब लोग बाढ़, सूखे और तूफान से प्रभावित हुए थे, जबकि 300,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

चिंताजनक रूप से, जलवायु मॉडल संकेत देते हैं कि जलवायु परिवर्तन की प्रगति के साथ ये चरम मौसम की घटनाएं और भी बदतर हो जाएंगी।

अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पिछले 41 अध्ययनों का विश्लेषण किया जिसमें लिंग आधारित हिंसा के साथ-साथ चरम घटनाओं की खोज की गई थी।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, उनके विश्लेषण से पता चला है कि चरम मौसम और जलवायु की घटनाओं से लिंग आधारित हिंसा बढ़ जाती है।

अध्ययन में प्रकाश डाला गया एक उदाहरण तूफान कैटरीना है, जिसने अगस्त 2005 में अमेरिका के खाड़ी तट पर कहर बरपाया था।

डेली मेल ने बताया कि इसके बाद, लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि हुई, विशेष रूप से पारस्परिक हिंसा या अंतरंग साथी हिंसा, और महिलाओं के लिए शारीरिक उत्पीड़न में वृद्धि हुई।

मिसिसिपी में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों पर किए गए एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि आपदा के बाद के वर्ष में यौन हिंसा और अंतरंग साथी हिंसा की दर में वृद्धि हुई है।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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