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सावधान, आपकी जान पर भारी पड़ सकते हैं अल्मोड़ा के जर्जर भवन, जिम्मेदार संस्थाएं मौन

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। पांच सौ साल के इतिहास को समेटे अल्मोड़ा की ऐतिहासिकता के साथ ही यहां मौजूद पुराने भवन समय के साथ ही जर्जर हो गए है। नगर में कई ऐसे भवन हैं जो भवनस्वामियों की ओर से देखरेख नहीं होने या पुराने हो जाने के कारण गिरने की कगार में हैं, लेकिन जिन इमारतों को बृहद मरम्मत या ध्वस्त करने की जरूरत थी वह अनदेखी के चलते जर्जर हालत में खड़े हैं जिससे यह भवन अब कभी भी मौत का कारण बन सकते है, अल्मोड़ा नगर में दर्जनों खस्ताहाल भवन बाजार और गलियों में है जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकता है। यहां कई बिल्डिगें डिस्प्यूट के चलते भी पड़ी हुई हैं। लेकिन बाजार में लोग इन्हीं भवनों के नीचे जानजोखिम में डालकर अपना व्यवसाय चला रहे हैं। कई मकान तो ऐसी स्थिति में है अब गिरे कि तब गिरे लेकिन अधिकार होने के बावजूद नगरपालिका खतरों के सबब बन रहे इन भवनों को तोड़ने या जरूतर भर के खतरनाक हिस्सें को गिराने का काम नहीं कर पा रही है। भाजपा के जिला महामंत्री रवि रौतेला ने कहा कि यह जर्जर भवन कभी भी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकते हैं इसलिए नगरपालिका को तत्काल कदम उठाकर खतरनाक हो रहे भवनों को गिराने का काम कर देना चाहिए। ​पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने ​कहा कि वह लगातार खतरनाक हो रहे भवनों का चिह्नीकरण कर उनके स्वामियों को सूचित करते रहे हैं। पालिका ईओ को भी पालिकाएक्ट के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही भवन स्वामियों को भी इस संबंध में नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन जर्जर भवनों को तोड़ने या क्षतिग्रस्त हिस्सों को हटाना बहुत जरूरी हो गया है। पालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

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