अल्मोड़ा जनाधिकार मंच का आरोप नियम विरूद्ध तरीके से संबद्ध किए गए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, शासन प्रशासन मौन

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा- अल्मोड़ा जन अधिकार मंच ने अल्मोड़ा जनपद के 21 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में शासन के नियम विरुद्ध सम्बद्व करने के खिलाफ अपर जिलाधिकारी के एस टोलिया के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। मंच के त्रिलोचन जोशी ने कहा कि एक ओर प्रदेश की सरकार बड़ी बड़ी जनसभाओं , कॆबिनेट बॆठकों ऒर विज्ञापन में लुभावने नारों के माध्यम से ग्रामीण विकास के बड़े बड़े दावे कर रही हैं। वहीं हकीकत में प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारी सरकार की नाक के नीचे कर्मचारियों एंव अधिकारियों को एक जनपद से दूसरे जनपदों में संबद्ध करने का बड़ा खेल, खेलकर भष्टा्चार कर रहे हैं। विगत लगभग 2 वर्ष से अल्मोडा जनपद के 11 विकासखण्डों में तॆनात 21 ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अन्य जनपदों में संबद्ध होकर शासन के नियम विरुद्ध वेतन एंव बोनस की सुविधा अपने अपने मूल तॆनाती विकासखंड से लेकर प्रदेश सरकार की योजनाओं को खुलेआम ठेंगा दिखा रहे हैं।
वर्तमान में जनपद से सत्ताधारी दल के केन्द्र सरकार में कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा, प्रदेश की एकमात्र महिला राज्यमंत्री रेखा आर्या, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चॊहान , दो भाजपा विधायक ऒर पूर्व नेता प्रतिपक्ष एंव भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट सहित विपक्ष के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एंव जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ऒर विधानसभा में उप नेता विपक्ष एंव रानीखेत विधायक करन महरा अल्मोडा के मूल निवासी होने के बाद भी उपरोक्त कददावार जनप्रतिनिधि भी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के संबद्धता पर चुप्पी साधे होने से असहाय एंव उदासीन बने हुए हैं।
अल्मोडा़ जन अधिकार मंच के मनोज सनवाल ने कहा कि ग्रामीण सरोकारों की उचित पहल एंव ग्रामीण जनता के समयबद्ध विकास के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित कर जनहित में तत्काल नियम विरुद्ध संबद्व ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को मूल तॆनाती में भेजने की पुरजोर मांग की हैं।
अगर एक माह के भीतर प्रदेश सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई तो अल्मोडा़ जन अधिकार मंच आंदोलन को बाध्य होगा | मंच के वरिष्ठ अधिवक्ता केवल सती ने कहा कि ग्रामीण जनता की हितों की रक्षा के लिए उच्च न्यायालय नॆनीताल में अपील करेगा।
ज्ञापन देने वालों में मंच के संरक्षक पूर्व सभासद घनानन्द जोशी, पूर्व सभासद जीवननाथ वर्मा, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हेम चन्द्र जोशी, पूर्व सॆनिक पान सिंह बिष्ट, वरिष्ठ अधिवक्ता केवल सती, मनोज सनवाल, पंकज वर्मा, पूर्व प्रधान हर्ष कनवाल, पूर्व सभासद कमल पन्त, सुनील कर्नाटक, मो. नईम, पूर्व के सी डी एफ अध्यक्ष अमरनाथ रावत, नमित जोशी, एड. कमलेश कुमार, एड. नवल जोशी, जगदीश सिजवाली, धीरेन्द्र गंगोला सहित अनेक लोग मॊजूद थे।

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