रामनगर में नहीं दिखा बन्द का प्रभाव, कार्यकर्ताओं ने निकाला जुलूस

Newsdesk Uttranews
2 Min Read

new-modern

रामनगर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को आयोजित भारत बन्द के दौरान रामनगर का मुख्य बाजार बंद के प्रभाव से अछूता रहा। इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़कर बाकी सारे बाजार का कामकाज सामान्य दिनों की तरह रहा। अलबत्ता ग्रामीण क्षेत्र से बाजार आने वाले खरीदारों की चहल-पहल में कमी देखी गयी। नगर के विभिन्न संगठनों ने बंद में भागीदारी की।


काले कृषि कानून रद्द करने, मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड रद्द करने, डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस के दाम आधे करने की मांग के साथ भारत बंद के दौरान लखनपुर चुंगी पर सभा का आयोजन किया गया। जहां वक्ताओ ने कहा कि किसान आंदोलन केवल किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है। इस आंदोलन ने जनता की उन सभी समस्याओं को उठाया है जिनसे आज आम जनता परेशान हैं। बढ़ती महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, सरसों का तेल का भाव इतना ज्यादा बढ़ गए हैं कि लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं। कोरोना काल में जनता की आमदनी घट चुकी है।

वक्ताओं ने कहा कि लोग बेरोजगार हो गए हैं लेकिन मोदी सरकार आम जनता को राहत देने के बजाय पूंजीपतियों का कर्जा माफ कर रही है और उनको ही सरकारी संपत्तियां बेच रही है। मोदी सरकार केवल किसानों के विरोध में नहीं है बल्कि वह इस देश की समूची मेहनतकश जनता के विरोध में है। लोगों में हिंदू मुस्लिम के नाम पर सांप्रदायिकता फैला कर वोट बटोरने वाली इस फासीवादी सरकार को हमें जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। सभा के बाद सभी लोग जुलूस की शक्ल में बाजार में घूमे। जुलूस भवानीगंज में जाकर कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस दौरान कार्यक्रम के दौरान मनमोहन अग्रवाल, प्रभात ध्यानी, पंकज कुमार, ललित उप्रीति, भुवन, उबेद-उल-हक, रवि, किशन, शेखर, मनिंदर सिंह सेठी , मदन, रमेश, गीता, ललिता रावत, सरस्वती, एसआर टमटा, लालमणि आदि तमाम लोग मौजूद रहे।