shishu-mandir

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में धांधली के खिलाफ उमड़ा युवाओं का आक्रोश, पुलिस और युवा हुए आमने सामने, पुलिस का लाठीचार्ज तो युवाओं ने बरसाए पत्थर

Newsdesk Uttranews
3 Min Read
Screenshot-5

भर्ती में धांधली के विरोध में राजधानी देहरादून में बड़ी संख्या में उमड़े युवाओं ने हंगामा किया। देखते ही देखते राजधानी की सड़कों पर गांधी पार्क में विरोध कर रहे नौजवानों का गुस्सा झलकने लगा। सड़कों पर भीड़ बढ़ गई। हालांकि जिलाधिकारी ने युवकों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने।

new-modern
gyan-vigyan


जब पुलिस ने लाठीचार्ज करना शुरू किया, तो स्थिति और खराब हो गई। गुस्साए युवाओं के एक समूह ने भी उसी समय पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।

saraswati-bal-vidya-niketan
Youth protest against rigging in recruitment examinations in Uttarakhand, police and youth come face to face


बिगड़ते हालात के बीच हाल ही में सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान भी सामने आया । सीएम ने युवाओं से कहा कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। दावा किया कि भर्ती परीक्षाओं में धांधली नही ​दबाई गयी है, उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे धोखे का शिकार न बनें। बिगड़ते हालात के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने घोटाले को दबाया नहीं। उन्होंने युवाओं से किसी के बहकावे में नहीं आने की अपील की।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि युवाओं के हितों की रक्षा करना पहला दायित्व है। नकल रोकने के लिए कानून बनाया जाएगा। घोटाले के दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी। भर्ती में धांधली के खिलाफ प्रदेशभर में युवाओं का प्रदर्शन जारी है. बड़ी संख्या में आक्रोशित युवाओं के सड़कों पर उतर जाने से कई बार ट्रैफिक जाम हो गया।


नौजवानों ने मांग की कि जब तक नकल विरोधी कानून लागू नहीं किया जाता तब तक कोई भर्ती परीक्षा नहीं होनी चाहिए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के राज्य प्रतिनिधि सुरेश सिंह ने कहा कि लोक सेवा चयन आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग दोनों ने अपनी सभी परीक्षाओं में काफी धांधली की है।

सुरेश सिंह ने कहा कि धांधली के कारण सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। पुलिस, पटवारी, वन अधिकारी, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस, आरओ, एआरओ, पीसीएस जे, प्रवक्ता एई और जेई पदों की परीक्षा पास कर चुके युवा बाहर हैं और काम की तलाश में हैं। ऐसे में परीक्षा नियंत्रकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।