जब नहीं लगाए पाकिस्तान के नारे तो बच्चों को पीटा, महिला को मारा गया घूंसे से, डर के साए में पूरा परिवार

त्राल में हुई मुठभेड़ ने कश्मीर घाटी की खामोशी को एक बार फिर चीर दिया है. सेना और सुरक्षाबलों की इस बड़ी कार्रवाई में जिस…

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त्राल में हुई मुठभेड़ ने कश्मीर घाटी की खामोशी को एक बार फिर चीर दिया है. सेना और सुरक्षाबलों की इस बड़ी कार्रवाई में जिस आतंकी को मार गिराया गया है. उसका नाम आमिर वानी है. ये वही नाम है जो बीते कई महीनों से सुरक्षाबलों के रिकॉर्ड में दर्ज था. लेकिन अब तक वो बस एक शक की तरह सामने आता था. न कोई पुख्ता सबूत था और न ही कोई सीधा लिंक. लेकिन इस बार हालात अलग थे. आमिर के मोबाइल फोन से वो कड़ी मिल चुकी थी जो सीधे उसे उस हमले से जोड़ती है जिसने कुछ दिन पहले पूरे देश को दहला दिया था.

जानकारी के मुताबिक आमिर वानी ने पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड से वीडियो कॉल पर बात की थी. यही कॉल इस पूरे मामले की सबसे बड़ी कड़ी बनी. जैसे ही एजेंसियों को इस कॉल की भनक लगी. ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी शुरू कर दी गई. लोकेशन ट्रेस की गई. और फिर सुरक्षा बलों ने त्राल के जिस इलाके में वो छिपा था. वहां चारों तरफ से घेराबंदी की. स्थानीय लोगों को चेतावनी दी गई कि वे घर से बाहर न निकलें. माइक से अनाउंसमेंट हुई. और कुछ ही देर में फायरिंग शुरू हो गई.

आमिर ने बचने की पूरी कोशिश की. लेकिन घेरा इतना मजबूत था कि निकलने का कोई रास्ता नहीं था. जवानों ने कई घंटों की कड़ी घेराबंदी के बाद आखिरकार उसे ढेर कर दिया. आमिर की लाश वहीं मौके पर मिली. उसकी जेब से मोबाइल बरामद हुआ. उस मोबाइल में वही वीडियो कॉल रिकॉर्ड थी जिससे पूरे मामले की परतें खुलनी शुरू हुई हैं.

एजेंसियों ने अब मोबाइल जब्त कर लिया है. कॉल डिटेल निकाली जा रही है. किससे बात हुई थी. कितनी देर बात हुई. क्या बातचीत का लहजा था. सब कुछ खंगाला जा रहा है. शुरुआती जांच में ये बात सामने आ चुकी है कि कॉल में हथियारों के मूवमेंट और फंडिंग को लेकर बातचीत हुई थी. आमिर सिर्फ एक आतंकी नहीं था. वह घाटी में नेटवर्क का अहम हिस्सा बन चुका था.

मुठभेड़ के बाद भी त्राल में तलाशी अभियान जारी है. सुरक्षाबल इस बात को लेकर चौकन्ने हैं कि आमिर अकेला नहीं हो सकता. उसके साथ कोई और भी छिपा हो सकता है. या फिर कोई लोकल सपोर्ट मिल रहा हो. ऐसे में इलाके के हर कोने की तलाशी ली जा रही है. जवानों ने डेरा डाल रखा है. और किसी भी संदिग्ध को देखते ही पूछताछ की जा रही है.

यह ऑपरेशन सिर्फ एक आतंकी को मार गिराने तक सीमित नहीं है. ये उस नेटवर्क की जड़ें पकड़ने की शुरुआत है जो घाटी को फिर से आग में झोंकने की कोशिश कर रहा है. आमिर की मौत से एक चेहरा सामने आया है. लेकिन उसके पीछे कई और चेहरे हो सकते हैं. और अब उन सबकी तलाश तेज हो चुकी है.