उत्तराखंड में 13 मई तक रहेगा मौसम का कहर, अलर्ट जारी, चारधाम में कंपकंपा देने वाली ठंड

Advertisements Advertisements l देहरादून। उत्तराखंड में बीते अप्रैल महीने के आखिरी सप्ताह से जारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार…

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देहरादून। उत्तराखंड में बीते अप्रैल महीने के आखिरी सप्ताह से जारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार 8 मई को भी प्रदेश के कई जिलों में तेज़ बारिश, आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि 13 मई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम बिगड़ा रहेगा। इस दौरान तीन जिलों—पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा के लिए औरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां तूफानी हवाएं, बिजली गिरने की संभावना और ओलावृष्टि की आशंका जताई गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कुल 11 जिलों में बारिश होगी। गढ़वाल के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और देहरादून में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल में भी मौसम खराब बना रहेगा। खासतौर पर पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में व्यापक स्तर पर बारिश के आसार हैं। वहीं हरिद्वार और उधम सिंह नगर में फिलहाल मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई गई है।

बारिश के इस दौर में चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है। भारी संख्या में श्रद्धालु यात्रा पर पहुंच रहे हैं, लेकिन धामों में तापमान इस कदर गिरा है कि बिना गर्म कपड़ों के यात्रा संभव नहीं रह गई है। यमुनोत्री में तापमान -4 डिग्री तक जा चुका है, जबकि गंगोत्री में न्यूनतम तापमान 2 डिग्री दर्ज किया गया। केदारनाथ में तो पारा फिर से -2 डिग्री तक पहुंच गया है और वहां तेज़ बर्फीली हवाएं लगातार चल रही हैं। बदरीनाथ धाम भी इस समय -3 डिग्री की कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड में है।

सरकार और मौसम विभाग दोनों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे पूरी तैयारी के साथ ही यात्रा पर निकलें। स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या को लेकर लापरवाही न बरतें और डॉक्टर की सलाह लेकर ही यात्रा करें। नदी-नालों और गाड़-गदेरों से दूर रहने की हिदायत भी दी गई है क्योंकि बारिश के चलते इन जलधाराओं का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। 10 और 11 मई को पूरे प्रदेश में व्यापक बारिश होगी, जबकि 13 मई को यह दायरा कुछ जिलों तक सीमित हो जाएगा।