हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में कार्यरत न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार से जब यह पूछा गया कि पैदल चलना ज्यादा बेहतर है या दौड़ना, तो उन्होंने साफ कहा कि इसका जवाब देना आसान नहीं है। क्योंकि दोनों के अपने अलग-अलग फायदे हैं।
डॉक्टर कुमार खुद फिटनेस को लेकर काफी गंभीर रहते हैं। उन्होंने बताया कि दौड़ने से समय की बचत होती है। जैसे एक किलोमीटर दौड़ने में करीब छह से आठ मिनट लगते हैं, जबकि दो किलोमीटर पैदल चलने में बीस से पच्चीस मिनट तक लग सकते हैं। ऐसे में अगर समय एक जैसा हो या दूरी बराबर हो, तो दौड़ने से शरीर ज्यादा कैलोरी खर्च करता है।
डॉक्टर कुमार ने यह भी बताया कि दिल से जुड़ी बीमारियों में दौड़ने से पैदल चलने के मुकाबले ज्यादा सुधार देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि दौड़ने से शरीर का VO2 मैक्स बेहतर होता है, जो दिल और फेफड़ों की क्षमता को दर्शाता है। हालांकि, इसके साथ यह भी सच है कि दौड़ने से चोट लगने का खतरा ज्यादा होता है। क्योंकि इससे जोड़ों, मांसपेशियों और स्नायुबंधन पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
डॉक्टर कुमार ने कहा कि जिन लोगों को घुटनों का पुराना दर्द है, जो मोटापे से ग्रस्त हैं या जिनको दिल की गंभीर बीमारी है, उनके लिए दौड़ना उचित नहीं है। ऐसे लोग आराम से पैदल चल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उम्रदराज हैं या जिन्होंने हाल ही में दौड़ना शुरू किया है, उनके लिए भी चलना ज्यादा आसान और सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
आखिर में डॉक्टर कुमार ने यह स्पष्ट किया कि जरूरी यह नहीं है कि आप चलें या दौड़ें, बल्कि यह है कि आप नियमित रूप से कोई शारीरिक गतिविधि करें। क्योंकि दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी अभी भी उतनी शारीरिक मेहनत नहीं करती, जितनी करनी चाहिए। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी सुविधा और सेहत के अनुसार पैदल चलें या दौड़ें, लेकिन हर हाल में सक्रिय रहें।