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यहां डीएम ने ग्राम प्रधानों(Village heads) को लिखा पत्र कहा कोरोना संक्रमण से बचाव में उनका दायित्व अहम

Newsdesk Uttranews
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नैनीताल/बेतालघाट सहयोगी:20 मई- नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल ने ग्राम प्रधानों(Village heads) को एक पत्र लिखा है जिमें कोरोना से लड़ाई में प्रशासन को सहयोग देने की अपील की गई है।

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उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौर में ग्राम प्रधानों (Village heads)की अहम भूमिका है, आपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए ग्राम स्तर पर व्यवस्थाओं में प्रशासन का सहयोग करें।

उन्होंनेे कहा कि वर्तमान में सम्पूर्ण देश व विश्व कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी से प्रभावित है। इस महामारी के कारण देश के विभिन्न भागो से प्रवासी जनपद नैनीताल के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने घरों में आ रहे है।

ऐसे में यह भी सम्भावना रहेगी कि यदि इनमे से कोई पूर्व से कोरोना वायरस से संक्रमित होगा तो गाॅव में संक्रमण फैल सकता है।

उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में उत्तराखण्ड शासन द्वारा ग्राम पंचायत में आने वाले सभी बाहरी लोगों के निगरानी, क्वारन्टाईन करने, घर पर क्वारन्टाई हेतु आवश्यक सुविधा व पृथक कक्ष न होने पर संबिंधत व्यक्तियों को निकटवर्ती विद्यालय,पंचायत भवन,अन्य सामुदायिक स्थान में क्वारन्टाईन किये जाने एवं इन स्थानों में बिजली, पानी, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था करने तथा संबंधित के स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखते हुए किसी भी प्रकार के संदिग्ध लक्षण होने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना उपलब्ध कराएं।

व्यवधान पैदा करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर सकते हैं ग्राम प्रधान(Village heads)

डीएम ने कहा कि इस व्यवस्था में व्यवधान पैदा करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध विधिक कार्यवाही प्रारम्भ करने के अधिकार ग्राम प्रधानों (Village heads)को प्रदान किए गए हैं साथ ही उन्होंने कहा कि समस्त व्यवस्था में ग्राम प्रधान तैनात कर्मचारियों, अधिकारियों का सहयोग ले सकते है।


श्री बंसल ने कहा ग्राम पंचायत में क्वारन्टाईन किये गये लोगों के निगरानी और आवश्यक व्यवस्था में सहयोग हेतु सभी ग्राम पंचायतों में एक-एक सरकारी कर्मचारी की तैनाती उनके सहयोग हेतु की गयी है। सभी ग्राम पंचायतों में आने वाले प्रवासियों का विवरण एक रजिस्टर पर तैयार किया जाये।

विद्यालय,पंचायत भवन,अन्य सामुदायिक स्थान की साफ-सफाई, सेनिटाईजेसन हेतु छिड़काव, महामारी से बचाव के संबंध में जनजागरूकता हेतु दीवार लेखन आदि पर व्यय का वहन ग्राम पंचायत की स्वंय के राजस्व (ओ.एस.आर),वित्त आयोग की कन्टींजेन्सी की धनराशि से कर सकते है।

उन्होंने कहा कि स्वजल परियोजना द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में सेनिटाईजेसन हेतु सोडियम हाईपोक्लोराईट उपलब्ध कराया जा रहा है तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी राजस्व ग्रामों में गठित स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के खातों में पूर्व में उपलब्ध करायी गयी धनराशि का उपयोग ग्राम पंचायत में उक्त कार्यो हेतु किया जा सकता है।


जिलाधिकारी श्री बंसल ने कहा कि ग्राम पंचायत में आने वाले प्रवासी चुकि संबंधित गाॅव के ही निवासी है, अतः सामुदायिक स्थानों में क्वारन्टाईन किये जाने पर उनके भोजन, बिस्तर आदि की व्यवस्था उनके घरों से करा ली जाये। यदि संबंधित प्रवासी के घर के लोग बहुत गरीब होने के कारण यह व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है, तो इनके लिए भोजन,बिस्तर आदि की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा तात्कालिक रूप से करते हुए उसकी प्रतिपूर्ति वित्त आयोग की कन्टींजेन्सी मद में उपलब्ध धनराशि से कर सकते है।

उन्हांेने कहा कि ऐसे प्रवासी जिनके पास आनलाइन राशनकार्ड नहीं है और उन व्यक्तियों को सन्निर्माण श्रमिक के रूप में भी श्रम विभाग, उत्तराखण्ड से कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, को चिन्हित करते हुए ऐसे प्रवासियों की सूची ग्राम पंचायत अधिकारी को उपल्ब्ध करा दी जाये और इस प्रकार के पात्र प्रवासियों को तहसील के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष राशन किट उपलब्ध करा दी जायेगी।


जिलाधिकारी श्री बंसल ने कहा कि प्रवासियों के क्वारन्टाईन करने हेतु चिहिन्ति सरकारी भवन यथा शासकीय विद्यालय,पंचायत भवन,अन्य सामुदायिक भवन,शासकीय आंगनबाडी भवन में शौचालय,पेयजल निर्माण मरम्मत कार्यो को ग्राम पंचायत अपनी वर्ष 2020-21 के जी0पी0डी0पी0 में सम्मिलित करते हुए 15वें वित्त अथवा चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की धनराशि से कर सकती है। विदित हो कि 15वें वित्त आयोग द्वारा आवंटित धनराशि का 50 प्रतिशत टाईड मद यथा स्वच्छता, पेयजल,वर्षा जल संरक्षण हेतु एवं चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के 50 प्रतिशत धनराशि का उपयोग जलापूर्ति हेतु मानकीकृत है और चालू वित्तीय वर्ष के जी0पी0डी0पी0 को उक्त मानक के अनुसार पुनः तैयार किये जाने हेतु अवगत कराया जा चुका है।

उन्होने कहा कि 15वें वित्त आयोग द्वारा आवंटित धनराशि का शेष 50 प्रतिशत बेसिक फण्ड को ग्राम पंचायत अपनी स्थानीय विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कार्यो में व्यय कर सकती है।