देहरादून में उत्तराखंड के पांचवें धाम, सैन्य धाम के लोकार्पण की तैयारियां जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। हालांकि, धाम के उद्घाटन से पहले ही विवादों के स्वर उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन विवादों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सैन्य धाम से जुड़ी जांच ठोक बजाकर और पूरी पारदर्शिता के साथ की जा चुकी है।
राज्य स्थापना दिवस के मौके पर उत्तराखंड अपने 25 साल पूरे कर रहा है। इस रजत जयंती वर्ष को सरकार खास तरीके से मनाने की तैयारी में है। प्रदेशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जबकि मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इस दौरान वे देहरादून के गुनियाल गांव में बने सैन्य धाम का लोकार्पण कर सकते हैं, जिसे उत्तराखंड का पांचवां धाम माना जा रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन भी प्रस्तावित है।
सैन्य धाम का निर्माण लंबे समय से चर्चा में रहा है। दिसंबर 2023 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन तय समय पर कार्य पूरा नहीं हो सका। इसके बाद निर्माण की गति धीमी पड़ने और खर्च को लेकर कई बार सवाल उठे। अब जब लोकार्पण की तारीख करीब है, तो विवाद एक बार फिर गहराने लगा है।
दरअसल, एडवोकेट विकेश नेगी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर सैन्य धाम के निर्माण में अनियमितताओं की शिकायत की है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे भ्रष्टाचार पर खड़ी शहादत की दीवार बताया है। इन आरोपों के बीच मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा है कि उनकी सरकार में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता से हुई है और सब कुछ कानून के दायरे में किया गया है।
वहीं, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने हरीश रावत पर पलटवार करते हुए कहा कि जिनका राजनीतिक जीवन ही भ्रष्टाचार से शुरू हुआ और खत्म हुआ, उन्हें हर जगह वही दिखाई देता है।
