हल्द्वानी। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद बनी सरकारों और राजनेताओं की मिलीभगत से राज्य की अधिकांश ज़मीनों पर पूंजीपतियों, माफियाओं एवं बाहरी लोगों का कब्ज़ा हो गया है। कहा कि उत्तराखंड में सुनियोजित रूप से तबाह की गई खेती (किसानी) के कारण उत्तराखंड में बेरोज़गारी चरम पर है जिसका कोई इलाज़ इन सरकारों के पास नहीं है।
हल्द्वानी में जनसंपर्क के लिए पहुंचे पी. सी. तिवारी ने कहा कि ज़मीनों, प्राकृतिक संसाधनों की लूट में राज्य में शासन करने वाले सभी पार्टियों के नेताओं, नौकरशाहों एवं माफियाओं की मिलीभगत है।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी तमाम संघर्षशील लोगों के साथ मिलकर निरंतर इन भू माफियाओं एवं इनके पक्ष में बनाई गई सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ संघर्ष में है।
तिवारी ने कहा कि इस बीच तमाम लोग उत्तराखंडी अस्मिता एवं भू कानून को लेकर सक्रिय हुए हैं।
जो अच्छी बात है लेकिन इस सक्रियता को जुवानी जमा खर्च से बाहर निकालकर संघर्षों में बदलना होगा। इसके लिए तमाम संघर्षशील समझदार लोगों की गोलबंदी ज़रूरी है। तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की ज़मीनों पर कब्ज़ा करने वालों और इसपर चुप्पी साधने वाले दलों के नेताओं, नौकरशाहों को कटघरे में खड़ा किए बिना यह संभव नहीं है। उपपा अध्यक्ष ने जनता से उत्तराखंडी अस्मिता की रक्षा के लिए यहां प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ संघर्ष में शामिल होने का अनुरोध किया। व अपने अपने क्षेत्रों में इस संघर्ष को शुरू करने की अपील की।