यमुनोत्री धाम में तेज हवाओं के चलने से हेली सेवाएं काफी प्रभावित हो रही हैं। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन की टीम ने यहां बने हेलीपैड से आपातकालीन संचालक को तो अनुमति दे दी है लेकिन यात्री संचालन के लिए कुछ शर्ते लगाने की बात कही जा रही है।
ऐसे में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग अगले सप्ताह फिर से डीजीसीए से बात करके यहां दौरा कर रही है ताकि यात्रियों के लिए हेली सेवा संचालन पर निर्णय लिए जा सके।
प्रदेश में चार धाम की यात्रा अभी केदारनाथ धाम व हेमकुंड के लिए हेली सेवा संचालन किया जा रहा है।
इसके लिए हेली सेवाओं की बुकिंग शुरू हो चुकी है। इन हेली सेवाओं के संचालन पर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) नजर रखता है। इस वर्ष यूकाडा ने यमुनोत्री धाम के लिए भी नियमित हेली सेवा संचालन करने की योजना बनाई थी।
यमुनोत्री मंदिर से 500 मीटर की दूरी पर एक हेलीपैड बनाया गया है। इस क्षेत्र में नियमित हेली सेवाएं नहीं होती हैं। इसलिए यह क्षेत्र नया है। यहां हर्षिल तक वीआईपी दौरे के दौरान हेलीकॉप्टर तो चलते हैं, लेकिन तेज हवाओं के कारण केवल एक घंटे की अवधि के लिए यह संचालन किया जाता है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए यमुनोत्री से हेली सेवा शुरू करने की अनुमति के लिए डीजीसीए से पत्राचार किया गया। डीजीसीए की टीम ने हाल ही में इसका निरीक्षण किया।
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो डीजीसीए ने यहां तेज हवाओं का हवाला देते हुए नियत समय में केवल दो यात्रियों के साथ ही हेली सेवा संचालन की संभावना बताई है। यद्यपि, जिस दौरान डीजीसीए की टीम का दौरा हुआ था, उस समय मौसम भी खराब था।
ऐसे में अब नागरिक उड्डयन विभाग फिर से डीजीसीए की टीम का दौरा कराने की तैयारी में है, ताकि साफ मौसम में हेली सेवाओं की संभावना देखी जा सके। सचिव नागरिक उड्डयन सचिन कुर्वे का कहना है कि अभी इस संबंध में डीजीसीए से बात की जा रही है।