मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि पड़ोसी राज्यों की मदद के लिए यूपी सरकार हमेशा तैयार रहती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब में बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजी जा रही राहत सामग्री प्रधानमंत्री की एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा पर आधारित है।
सोमवार को मुख्यमंत्री ने अंबाला रोड स्थित एक रिसॉर्ट में तीन राज्यों के लिए राहत सामग्री से भरे 48 ट्रैकों को हरी झंडी दिखाई और रवाना किया, जिसमें 19000 किट थी।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को 5 करोड रुपए की आर्थिक मदद भी दी गई है। मुख्यमंत्री विमान से सरसावा एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग से कार्यक्रम स्थल पर आए।
20 मिनट तक चले संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि यूपी की 25 करोड़ जनता की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजी जा रही राहत सामग्री मानवीय संवेदना की कड़ी है।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश विकास के पायदान पर आगे बढ़ रहा है आपदा आती है लेकिन उससे निपटने के लिए तुरंत राहत कार्य शुरू किया जाता है। ऐसे में अगर समाज और विभिन्न संगठन भी खड़े हो जाए तो बेहतर परिणाम दिए जा सकते हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की काफी घटनाएं हो रही है जिसको देखते हुए इन राज्यों को आर्थिक मदद दी जा रही है। पीड़ितों की मदद के लिए सहारनपुर, लखनऊ और बलिया के लोग भी तैयार हैं।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ सबसे बड़ी पीड़ा रही है, लेकिन इस बार निचले स्तर पर ही जलभराव हुआ है। सहारनपुर, बागपत, गौतमबुद्धनगर या उन जनपदों में जहां से यमुना नदी जा रही है, गंगा जी के मुहाने पर बिजनौर से लेकर बलिया तक हर जिले में पुख्ता व्यवस्था की गई है।
बाणगंगा और हिंडन समेत तमाम नदियों में पानी ओवरफ्लो होने के कारण जहां भी हानि हुई है, वहां पर सरकार ने तत्काल राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यूपी में जिन किसानों की फसल बाढ़ से खराब हो गई है उनका भी सर्वे शुरू हो गया है। जल्द ही सर्वे की रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि यूपी सरकार उन पीड़ितों के साथ हर समय खड़ी है, जो आज बाढ़ जैसी विपदा झेल रहे हैं। इसी क्रम में यह राहत सामग्री और सहायता राशि भेजी जा रही है, जिससे पीड़ित परिवार को राहत मिलेगी। पीड़ितों को राहत देने के उद्देश्य से ही आज हम सब यहां पर इकट्ठा हुए हैं।
