देहरादून शहर में उस वक्त सन्नाटा पसर गया जब अचानक चार बजकर पंद्रह मिनट पर सायरन गूंजा। वजह थी एक मॉक ड्रिल जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में कराई जा रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच हालात इस वक्त इतने तनावपूर्ण हैं कि जंग के आसार को नकारा नहीं जा सकता। इसी के चलते देशभर के तमाम शहरों में सिविल डिफेंस की तैयारियां परखी जा रही हैं।
देहरादून में जिला प्रशासन ने जैसे ही मॉक ड्रिल शुरू की शहर के कंट्रोल रूम से चेतावनी दी गई कि हमला हो गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने तुरंत अलर्ट जारी कर आईआरएस सिस्टम एक्टिवेट करवाया और अधिकारियों को आदेश दिया गया कि वे फौरन अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचे और राहत कार्यों को अंजाम दें।
ड्रिल में दिखाया गया कि एमडीडीए कॉलोनी में एक इमारत मिसाइल से गिरी है। कई लोग घायल हुए हैं। मेडिकल टीम के साथ एसडीआरएफ की टीम फौरन मौके पर पहुंची। एक दूसरी सूचना आई कि आईएसबीटी के पास जोरदार धमाका हुआ है जिससे अफरा-तफरी मच गई है। वहां भी मेडिकल स्टाफ और राहत टीम भेजी गई।
इस दौरान घंटाघर पर मौजूद पुलिस चौकी का इलेक्ट्रिक सायरन काम नहीं कर रहा था। मजबूरी में हाथों से सायरन बजाकर लोगों को चेताया गया। पुलिस का कहना है कि वो हर स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रही है और जो कमियां हैं उन्हें सुधारा जा रहा है।
मौके पर मौजूद सिविल डिफेंस के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि ऐसे हालात में उनकी जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि अभी ये सिर्फ अभ्यास है लेकिन असली हालात में भी हम ऐसे ही मैदान में डटे रहते हैं। कुछ पुराने सिविल डिफेंस कर्मियों ने 1971 के युद्ध के वक्त की यादें भी साझा की और बताया कि तब भी उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद की थी।
देहरादून में अभी करीब ढाई सौ सिविल डिफेंस के वार्डन तैनात हैं। ये उत्तर और दक्षिण दोनों हिस्सों में फैले हुए हैं। जंग जैसी स्थिति में ये पुलिस के साथ मिलकर काम करते हैं और हर संकट में सबसे आगे खड़े नजर आते हैं।