शुगर की बीमारी लगने के बाद बहुत से लोगों को लगता है कि अब मीठे से पूरी तरह दूरी बनानी पड़ेगी. जैसे अब जिंदगी से मिठास चली गई हो. खासकर उनके लिए जिनका मीठा खाने का मन बार बार करता है. पर सच्चाई ये है कि डायबिटीज का मतलब ये बिल्कुल नहीं कि आप जिंदगी भर मीठा भूल जाएं. बस थोड़ा समझदारी से काम लेना होता है और ये जानना होता है कि कब क्या और कितना खाना है.
अब अगर बात करें मिठास की तो आपको सीधे तौर पर सफेद चीनी से दूरी जरूर बनानी चाहिए. लेकिन इसकी जगह कुछ ऐसे विकल्प हैं जिनका इस्तेमाल कर के आप मिठास का स्वाद ले सकते हैं. जैसे स्टीविया हो गया या मॉन्क फ्रूट एक्सट्रेक्ट. ये सब नेचुरल तरीके से बनी चीजें हैं जिनसे ब्लड शुगर पर असर नहीं पड़ता. मतलब मीठा भी खाओ और डर भी ना हो.
फल भी इस मामले में बहुत मददगार होते हैं. लेकिन हर फल नहीं. आपको ऐसे फल चुनने होते हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो. जैसे सेब हो गया या पपीता. बेरीज़ खा सकते हैं. अमरूद और नाशपाती भी अच्छा विकल्प है. इनसे शरीर को फायदा भी होता है और मीठे की तलब भी शांत होती है.
अगर आप कुछ मीठा खाने के लिए बाजार का रुख करते हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि वहां मिलने वाली मिठाइयों में चीनी तो भरी होती ही है साथ में ट्रांस फैट और रिफाइंड चीजें भी मिलती हैं जो सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं. ऐसे में बेहतर यही है कि आप घर पर ही कुछ मीठा बना लें. जैसे खजूर और ओट्स के लड्डू. स्टीविया डालकर बनी हल्की बर्फी. या फिर प्रोटीन बार. ये सब ना सिर्फ स्वाद में अच्छे होते हैं बल्कि सेहत को नुकसान भी नहीं पहुंचाते.
एक और बात जो बहुत जरूरी है वो ये कि जब भी मीठा खाएं तो उसके साथ फाइबर या प्रोटीन वाली कोई चीज जरूर खाएं. इससे मीठे का असर धीरे धीरे होता है और शुगर लेवल एकदम से नहीं बढ़ता. जैसे मिठाई के साथ आप थोड़े बादाम खा लें. या फिर दही या पनीर ले लें. इससे शरीर को बैलेंस मिलता है और नुकसान से बचा जा सकता है.
अंत में ये याद रखना भी जरूरी है कि शुगर में मीठा खाने का भी एक सही समय होता है. खाली पेट सुबह या देर रात कुछ मीठा खाने से बचें. अगर खाना है तो दिन में दोपहर के खाने के बाद थोड़ा बहुत खा सकते हैं. लेकिन सिर्फ उतना ही जितना शरीर संभाल सके. और अगर शुगर पहले से ज्यादा बढ़ा हुआ हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें. तभी आप मीठे का स्वाद भी ले पाएंगे और सेहत भी संभाल कर रख पाएंगे.