
अल्मोड़ा-: कुमाऊॅ की सबसे प्राचीन एवं अल्मोड़ा की ऐतिहासिक व विश्व प्रसिद्व रामलीला को एक नये रूप में प्रस्तुत किये जाने का प्रयास किए गए | सबसे प्रचीन कही जाने वाली रामलीला को तीन घंटे का मंचन कर एक नया प्रयास किया गया | खास बात यह है कि 10 दिनों तक चलने वाली इस रामलीला के प्रसंगों में कोई काट छांट नहीं की गई है, इसका उद्देश्य है कि यहां कि संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के साथ ही इसे पूरे देश में इसकी खासियत बताई जाए |

जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के सहयोग से नन्दादेवी रामलीला कमेटी अल्मोड़ा द्वारा प्रदर्शन किया गया। उदयशंकर नृृत्य अकादमी में आयोजित इस नये रूप की रामलीला का मंचन किया गया। मात्र तीन घंटे में हुई इस रामलीला में दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया। समस्त पात्रों ने अपना-अपना किरदार खूब निभाया दर्शकों ने जमकर तालियां बजायी। मुख्य आकर्षक सीता स्वयंवर रहा इसके अलावा परशुराम का क्रोध भी दर्शकों ने खूब सराहा।

