गर्मी के बीच एशिया में फिर लौटा कोरोना संक्रमण का खतरा, भारत को भी रहना होगा सतर्क

एशिया के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है। सिंगापुर चीन हांगकांग और थाईलैंड जैसे देशों में संक्रमण तेजी…

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एशिया के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है। सिंगापुर चीन हांगकांग और थाईलैंड जैसे देशों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस बार वायरस के फैलने की वजह बना है ओमिक्रोन का नया सब वैरिएंट जेएन वन और इसके जैसे कुछ और वैरिएंट।

हेल्थ एजेंसियों ने हालात को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि वायरस अब फिर से समुदाय में फैलने लगा है। हांगकांग के सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन के एक वरिष्ठ अधिकारी अल्बर्ट आउ के मुताबिक शहर में कोरोना की रफ्तार काफी तेज हो गई है। बीते एक साल में जितने भी सांस संबंधी सैंपल लिए गए उनमें पॉजिटिविटी रेट अब सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है। सिर्फ तीन मई को खत्म हुए हफ्ते में बत्तीस गंभीर केस और मौतें दर्ज हुई हैं जो बीते एक साल में सबसे ज्यादा हैं।

वहीं शहर के सीवेज सैंपल में वायरस की मौजूदगी बढ़ी है। अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या भी पहले से ज्यादा हो गई है। डॉक्टरों के पास कोरोना जैसे लक्षणों की वजह से आने वाले मरीजों की गिनती में भी बढ़ोतरी हुई है। सात लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस शहर में अब फिर से कोरोना की मौजूदगी साफ नजर आने लगी है। हाल ही में मशहूर गायक ईसन चान भी कोरोना की चपेट में आ गए और उन्हें अपना ताइवान वाला शो कैंसिल करना पड़ा।

उधर सिंगापुर में सरकार ने लगभग एक साल बाद कोरोना के मामलों पर आधिकारिक अपडेट जारी किया है। रिपोर्ट में बताया गया कि तीन मई को खत्म हुए हफ्ते में संक्रमितों की संख्या करीब चौदह हजार दो सौ तक पहुंच गई है जो पिछले हफ्ते से अट्ठाइस फीसदी ज्यादा है। इसके साथ ही हर दिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी तीस फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।

हालांकि सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अभी के वैरिएंट्स ज्यादा खतरनाक नहीं हैं। न तो ये पहले से ज्यादा तेजी से फैल रहे हैं और न ही गंभीर लक्षण दे रहे हैं। मगर एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहले लगे टीकों का असर अब कम होने लगा है जिस वजह से संक्रमण फिर से पांव पसारने लगा है।

सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि आमतौर पर कोरोना सर्दियों में बढ़ता है लेकिन इस बार गर्मी के मौसम में भी मामलों की रफ्तार तेज हो गई है। इससे साफ है कि वायरस अब मौसम से नहीं बल्कि लोगों की लापरवाही से फैल रहा है। यानी ये मान लेना कि कोविड अब खत्म हो गया है ये सोच ही सबसे बड़ी गलती है।

अब सवाल ये है कि क्या भारत को चिंतित होना चाहिए। तो जवाब ये है कि अभी देश में हालात काबू में हैं लेकिन एशिया के बाकी देशों की स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जरूरी है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी बढ़ाए। अस्पतालों और सीवेज के आंकड़ों पर ध्यान दे। साथ ही वैक्सीन की क्षमता पर लगातार रिसर्च जारी रखे।

फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है। मास्क लगाना भीड़ से बचना और साफ सफाई का ध्यान रखना अभी भी उतना ही जरूरी है जितना उस वक्त था जब ये वायरस पहली बार आया था। ध्यान रहे कोरोना पूरी तरह गया नहीं है बस थोड़े समय के लिए शांत हुआ है कब फिर से लौट आए कोई नहीं जानता।