गोरखपुर रेलवे स्टेशन से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने रेल कर्मचारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक गार्ड की ड्यूटी के दौरान उसकी पैंट फट गई। इसके बाद उसने अपनी स्थिति को देखते हुए क्रू कंट्रोल को एक मेमो देकर छुट्टी की मांग की। लेकिन अफसर ने न सिर्फ छुट्टी देने से इनकार किया बल्कि उसी मेमो पर लिखकर जवाब दे दिया कि उसे फटी पैंट में ही ड्यूटी करनी होगी।
गार्ड ने मजबूरी में हाफ पैंट पहनी और लॉबी में साइन ऑन करने पहुंच गया। ट्रेन जिसमें उसे ड्यूटी करनी थी वो करीब एक घंटे लेट थी। इसी बीच वो बाजार गया और दूसरी पैंट खरीदकर पहनी। उसके बाद मालगाड़ी में सवार हुआ और ड्यूटी पूरी की।
पूरा मामला गुरुवार देर रात शुरू हुआ जब छपरा से मालगाड़ी लेकर गोरखपुर पहुंचे गार्ड की पैंट फट गई। शुक्रवार सुबह उसने जैसे ही ड्यूटी पर वापस लौटने की तैयारी की तो मेमो के ज़रिए अफसरों को अपनी परेशानी बताई। लेकिन जवाब में उसे कहा गया कि वो वैसे ही ड्यूटी करे। ये जवाब पढ़कर गार्ड हैरान रह गया। हाफ पैंट पहनकर वह साइन ऑन करने पहुंच गया और फिर ट्रेन के लेट होने का फायदा उठाकर पास के बाजार से एक पैंट खरीदी।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब गार्ड्स के बीच काफी नाराज़गी है। उनका कहना है कि फटी या ढीली वर्दी में ड्यूटी करना सुरक्षा के नियमों के खिलाफ है। पहले भी अधिकारियों ने ऐसे मामलों में कड़ा रुख दिखाया है। गार्ड्स का मानना है कि जब रेलवे खुद अपने नियमों को इतना सख्ती से लागू करता है तो फिर एक गार्ड की ऐसी परेशानी में उसे राहत क्यों नहीं दी गई।
ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल के पूर्व जोनल सचिव शीतल प्रसाद ने भी इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जिस तरह से फटी पैंट में ड्यूटी करने का आदेश दिया गया वह न सिर्फ नियमों के खिलाफ है बल्कि इससे रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंचता है। नियमों में साफ तौर पर लिखा है कि हर रेल कर्मचारी को साफ सुथरी और तय यूनिफॉर्म में ड्यूटी करनी चाहिए। इसके बावजूद एक गार्ड को मजबूरी में हाफ पैंट पहनकर ड्यूटी के लिए जाना पड़ा।
