देहरादून में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद से राज्यभर में शादीशुदा जोड़े तेजी से अपना विवाह पंजीकरण करवा रहे हैं। जमीन जायदाद लिव इन रिलेशन और वसीयत जैसे मामलों में भी लोग आगे आकर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। जिन लोगों का अब तक विवाह पंजीकरण नहीं हो पाया है उनके लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने निशुल्क विवाह पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाकर अब 26 जनवरी 2026 कर दी है।राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि समान नागरिक संहिता के तहत जो लोग अपना विवाह पंजीकरण करवाना चाहते हैं उन्हें 250 रुपये के शुल्क से छूट मिलती रहेगी। यह छूट अब अगले साल गणतंत्र दिवस तक लागू रहेगी। यह फैसला लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण को लेकर जागरूकता और बढ़े।अधिसूचना के मुताबिक यह सुविधा उन मामलों पर भी लागू होगी जहां विवाह यूसीसी लागू होने से पहले हुआ हो लेकिन पंजीकरण न कराया गया हो या विवाह पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री आ चुकी हो या विवाह निरस्त हो चुका हो। हालांकि सीएससी केंद्रों से सेवा लेने पर 50 रुपये का शुल्क पहले की तरह जीएसटी सहित लिया जाता रहेगा।उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से यूसीसी लागू है। अब तक कुल 3 लाख 62 हजार 119 विवाह पंजीकरण हो चुके हैं। तलाक के 255 मामले पंजीकृत हुए हैं। लिव इन रिलेशनशिप में 50 जोड़ों ने पंजीकरण कराया है। अपने उत्तराधिकारी के लिए 10 लोगों ने और वसीयत के लिए 255 लोगों ने पंजीकरण करवाया है।
उत्तराखंड में यूसीसी के तहत निशुल्क विवाह पंजीकरण की समय सीमा बढ़ी, अब 26 जनवरी 2026 तक मिलेगा लाभ
देहरादून में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद से राज्यभर में शादीशुदा जोड़े तेजी से अपना विवाह पंजीकरण करवा रहे हैं। जमीन जायदाद लिव…
