हरिद्वार के जिला अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब मोर्चरी में रखी डेड बॉडी को चूहों ने कुतर दिया। मामले का पता चलने के बाद मृतक के स्वजनों के साथ ही स्थानीय लोग भड़क गए और अस्पताल में दिनभर अफरा तफरी का माहौल रहा। इस घटना से गुस्साए लोगों ने अस्पताल में तोड़ फोड़ कर दी, मामलो को बढ़ता देख पुलिस बल बुलाना पड़ा।
हंगामा कर रहे परिजन लगातार अस्पताल प्रशासन और मोर्चरी संचालक कंपनी की लापरवाही पर कार्रवाई की मांग करते रहे। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही डीएम मयूर दीक्षित ने एडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा ने कहा प्राथमिक जांच में मोर्चरी का ठेका लेने वाली कंपनी के लोगों की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने एडीएम से कंपनी के अधिकारियों से बयान लेने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच करने को कहा है। डीएम ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएंगी। डीएम दीक्षित ने कहा कि पहले भी इस कंपनी के खिलाफ शिकायते आई है।
बताया जा रहा है कि लक्की पंजाबी धर्मशाला के मैनेजर थे और अंतिम संस्कार से जुड़े वाहनों और फ्रीजर की जिम्मेदारी उनके जिम्मे थी। विडंबना देखिए जो शव यात्रा वाहन और फ्रीजर की व्यवस्था देखता था, लोगों की लापरवाही के चलते उसके शव को ही चूहो ने कुतर डाला।
आरोप है कि जिस फ्रीजर में लक्की का शव रखा गया वह खराब था और ढक्कन भी ठीक से बंद नहीं हुआ था। ढक्कन ठीक से बंद ना होने से चूहो ने उसके शव को कतर डाला। मृतक के परजिनों का कहना है कि इतनी सेवा करने वाले इंसान की उसकी मौत के बाद भी सम्मान नहीं मिल सका।
इधर सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मामला सामने आते ही डीएम को जांच तेज करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, मीडिया से बातचीत में सांसद ने कहा कि शुरुआती जांच में मोर्चरी की डीप फ्रीजर व्यवस्था संभालने वाली कंपनी की गंभीर चूक सामने आई है।उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाही को कहा है।
