आगरा: सचिन चौहान के हत्यारोपी दोस्तों ने ना सिर्फ पीपीई किट में उसका शव जलाया, बल्कि उसकी अस्थियों को भी यमुना में विसर्जित कर दिया। गिरफ्तार आरोपी हर्ष चौहान और कारोबारी सुमित असवानी से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। इन दोनों ने अपने साथियों के साथ मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने पार्टी करने के बहाने सचिन को बुलाया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर सोमवार को हत्याकांड का खुलासा किया। इकलौते बेटे सचिन की हत्या से माता-पिता सदमे में हैं। मृतक की मां अनीता रोते हुए कहा कि वह आखिरी बार अपने लाडले बेटे का चेहरा तक नहीं देख सकीं।
एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि सचिन चौहान 21 जून को दोपहर 3:30 बजे घर से लापता हुआ था। इसके बाद उसका सुराग नहीं लग सका। हत्याकांड के खुलासे के लिए थाना न्यू आगरा पुलिस और एसटीएफ लगी थी। रविवार को पुलिस को कुछ सुराग मिले। वाटरवर्क्स से कमला नगर निवासी हैप्पी खन्ना को पकड़ लिया।
हैप्पी खन्ना से पूछताछ के बाद दयालबाग के तुलसी विहार निवासी सुमित असवानी, कमला नगर निवासी मनोज बंसल, रिंकू को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद में हर्ष चौहान को पकड़ा गया। हर्ष चौहान सचिन के पिता सुरेश चौहान के साझीदार का बेटा है। आरोपियों के पास से सात मोबाइल, 1200 रुपये और दो कार (क्रेटा और ईको) बरामद कीं। आरोपियों ने पूछताछ में सचिन की हत्या कर शव जलाने और अस्थियां विसर्जित करने की बात कबूल की।
एसटीएफ निरीक्षक हुकुम सिंह के मुताबिक, 21 जून की रात तकरीबन साढ़े आठ बजे सुमित, रिंकू और हैप्पी शव को गाड़ी से बल्केश्वर घाट ले गए। शव बॉडी पैकिंग बैग में रखा था। खुद भी पीपीई किट लेकर गए थे, लेकिन पहनी नहीं। श्मशान घाट कमेटी से सामान खरीदने के बाद सचिन का नाम रवि वर्मा निवासी सरयू विहार, कमला नगर बताकररसीद कटवाई।
आरोपियों ने बताया कि मृतक कोरोना पॉजिटिव है। उसकी मौत हुई है। 22 जून को रिंकू और हैप्पी अस्थियां लेने गए। इसके बाद घाट पर विसर्जित कर दीं। वहीं मनोज कानपुर के झकरकटी स्टैंड पर मोबाइल फेंक आया। पुलिस ने मोबाइल की तलाश की, लेकिन मिला नहीं है। पूरे घटनाक्रम के दौरान किसी ने एक दूसरे से फोन पर कॉल करके बात नहीं की ताकि पुलिस नहीं पकड़ सके।