चारधाम यात्रा में अब तक 80 लोगों की मौत ,पहाड़ों पर सांसें क्यों अटकती हैं? जानिए पूरी वजह

Advertisements Advertisements चारधाम की यात्रा हर साल लाखों लोग करते हैं। इस बार भी यात्रा शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बार कुछ अलग है।…

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चारधाम की यात्रा हर साल लाखों लोग करते हैं। इस बार भी यात्रा शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बार कुछ अलग है। इस बार यात्रा के दौरान अब तक अस्सी से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पहाड़ों की ऊंचाई के कारण लोगों की सांसें रुक रही हैं। यात्रा करने वाले ध्यान रखें कि पहाड़ों पर ऑक्सीजन कम होती है और यह हर किसी के लिए खतरनाक हो सकती है।

चारधाम के मंदिर तीन हजार से ऊपर की ऊंचाई पर हैं। यहां हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और यह लोगों की सेहत पर बुरा असर डालती है। खासकर उन लोगों के लिए जो मैदानी इलाकों से सीधे यहां आते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि बिना तैयारी के पहाड़ों पर जाना खतरनाक होता है। इससे सिरदर्द उल्टी सांस फूलना जैसी शिकायतें हो सकती हैं।

सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को होता है जिन्हें दिल की बीमारी या सांस की दिक्कत होती है। वो ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही कई लोग बिना जांच के और तैयारी के यात्रा शुरू कर देते हैं जो उनके लिए और भी खतरनाक है।

सरकार ने कुछ इंतजाम किए हैं जैसे मेडिकल कैंप और ऑक्सीजन की व्यवस्था। लेकिन भारी भीड़ और खराब मौसम की वजह से ये इंतजाम पर्याप्त नहीं दिख रहे हैं। अचानक बारिश और भूस्खलन जैसे हालात यात्रा को और भी मुश्किल बना देते हैं।

अगर आप यात्रा पर जा रहे हैं तो डॉक्टर से जांच कराएं। ऊंचाई पर जाने से पहले थोड़ा कम ऊंचाई वाले इलाकों में रुकें ताकि शरीर को आदत हो। सही कपड़े और दवाइयां साथ रखें और खूब पानी पीते रहें ताकि शरीर स्वस्थ रहे। इस तरह की सावधानियां आपकी जान बचा सकती हैं।