राजस्थान के कोटा स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज से जुड़े सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में चिकित्सा लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे अस्पताल प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यहां एक 60 वर्षीय बुजुर्ग, जो अपने बेटे का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे थे, उन्हें चिकित्सकों ने बिना किसी आवश्यकता के ऑपरेशन थियेटर में बुला लिया, एनेस्थीसिया दे दिया और फिर उनके हाथ पर चीरा लगाकर छह टांके लगा दिए।
मामला उस वक्त का है जब मनीष नामक युवक की प्लास्टिक सर्जरी होनी थी। मनीष को अस्पताल लाने वाले उसके पिता जगदीश खुद ऑपरेशन थियेटर के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान नर्सिंग स्टाफ की ओर से ‘जगदीश’ नाम लेकर बुलाया गया। जैसे ही वे अंदर पहुंचे, उन्हें जबरन ऑपरेशन टेबल पर लिटाया गया और एनेस्थीसिया दे दिया गया। पीड़ित बार-बार बोलने की कोशिश करता रहा कि वह मरीज़ नहीं है, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। होश में आने के बाद जब उसने हाथ पर लगे टांकों को देखा, तब जाकर उसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली।
घटना के बाद पीड़ित पिता और बेटा लगातार तीन दिनों तक अस्पताल के चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। अंततः मामला मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना तक पहुंचा, जिन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है।
इस पूरे घटनाक्रम पर जब ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर डॉ. राजेंद्र मावर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद अस्पताल की कार्यप्रणाली और निगरानी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।