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अल्मोड़ा: चम्पावत में आयोजित बाल विज्ञान महोत्सव से लौटे जीबी पंत संस्थान(GB Pant Institute) के वैज्ञानिक, कार्यक्रम की उपलब्धियां बताई

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Almora: Scientists of GB Pant Institute returned from Children’s Science Festival organized in Champawat, told the achievements of the program

  • कार्यशाला से लौटे प्रतिभागियों डॉ अमित बहुखण्डी ने बताया कि यह महोत्सव अत्यधिक लाभकारी और प्रासंगिक रहा। सीमान्त जनपदों में वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में प्रदेश भर के स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

अल्मोड़ा, 23 नवंबर 2022— गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) देहरादून द्वारा चंपावत में आयोजित ”सीमान्त पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव” में प्रतिभाग किया गया।

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GB Pant Institute
सीमान्त जनपदों में वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में प्रदेश भर के स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

कार्यशाला से लौटे प्रतिभागियों डॉ अमित बहुखण्डी ने बताया कि यह महोत्सव अत्यधिक लाभकारी और प्रासंगिक रहा। सीमान्त जनपदों में वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में प्रदेश भर के स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

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जवाहर नवोदय विद्यालय चम्पावत में 19 नवम्बर से चली इस कार्यशाला में संस्थान के प्रतिनिधियों डॉ.अमित बहुखण्डी एवं डा. दरबान सिंह द्वारा संस्थान द्वारा किए जा रहे नवीन अनुसंधानों का स्टॉल लगाकर प्रदर्शन किया।

जिसमें चीड़ पिरूल से निर्मित फाईल कवर, बैग, कोयला, हर्बल उत्पादों जैसे रोजमेरी, लैमन ग्रास, तेजपात जैसे बहुमूल्य उत्पादों को प्रदर्शित किया गया तथा उसके वैज्ञानिक और व्यापारिक लाभ प्रतिभागियों को बताए गए।


इस अवसर पर जनपदों चमोली, बागेश्वर, उत्तरकाशी के प्र्रतिभागियों विशेषतः विद्यार्थियों अध्यापकों,जनप्रतिनिधियों से रू—ब—रू होकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

विभिन्न हितधारकों को बताया गया कि इस क्षेत्र में अनुसंधान और आजीविका के अवसरों को संस्थान द्वारा सदैव सहयोग किया जा जाता है।

कार्यक्रम के दौरान संस्थान द्वारा हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण, जैवविविधता संरक्षण, पुस्तक एवं मासिक पत्रिकाओं के माध्यम से किये जा रहे विभिन्न शोध एवं सामाजिक कार्यों को प्रदर्शित किया गया।


स्कूली बच्चों और शिक्षकों से परम्परागत ज्ञान व लोक ज्ञान को भी सम्मान देने तथा हिमालयी भूगोल में सतत् अनुसंधानों को बढ़ावा देने का आहवाहन किया गया। साथ ही हिमालयी भू-भाग की पर्यावरणीय व पारिस्थितिकीय चुनौतियों पर भी मंथन किया गया।


कार्यक्रम के सफलतापूर्वक समापन हेतु संस्थान निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल, केन्द्र प्रमुख डा.आईडी भटट एवं डा. जीसीएस नेगी द्वारा यूकॉस्ट देहरादून एवं सभी प्र्रतिभागियों का धन्यवाद दिया एवं इस प्रकार के सामाजिक एवं वॅज्ञानिक प्रचार प्रसार कार्यक्रमों में भविष्य में भी भागीदारी करने की चेष्ठा बतायी। इस प्रकार की कार्यशाला समाज के विभिन्न वर्गों विशेषतः छात्र-छात्राओं को पर्यावरण से लगाव बढ़ाने में सहायक होती है।