रूसी राष्ट्रपति पुतिन नई दिल्ली में भारी बख्तरबंद ऑरस सीनेट कार में यात्रा करेंगे

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचे और भारी बख्तरबंद लग्जरी कार ऑरस सीनेट में सफर किया। मॉस्को से लाई…

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नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचे और भारी बख्तरबंद लग्जरी कार ऑरस सीनेट में सफर किया। मॉस्को से लाई गई यह कार पहले ही उनके भारत दौरे के लिए राजधानी में मौजूद थी। इस साल की शुरुआत में चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भी पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इसी कार में बैठे थे।

ऑरस सीनेट रूसी राष्ट्रपति की सरकारी कार है और यह “कोर्टेज” प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत सरकार के इस्तेमाल के लिए घरेलू लग्जरी और आर्मर्ड गाड़ियां बनाई जाती हैं। पुतिन की सुरक्षा के लिए रूस से करीब 50 शीर्ष सुरक्षा अधिकारी दो दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके थे। सुरक्षा एजेंसियों ने उन जगहों पर पहले ही पुख्ता इंतजाम किए हैं जहां पुतिन अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में सुरक्षा के हर पहलू को रियल टाइम में मॉनिटर किया जा रहा है।

पुतिन पहली बार रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने शाम 7 बजे नई दिल्ली पहुंचकर 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक प्राइवेट डिनर में भाग लिया। शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन के सामने उन्हें औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसमें तीनों सेनाओं द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

सुबह 11:50 बजे हैदराबाद हाउस में 23वीं भारत-रूस समिट आयोजित होगी, जिसमें दोनों नेता रक्षा, ऊर्जा, ट्रेड, टेक्नोलॉजी, स्पेस और रणनीतिक सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे। बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। पुतिन FICCI के भारत मंडपम कार्यक्रम में भी शामिल होंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में राज्यभोज की मेजबानी करेंगी। रूसी राष्ट्रपति शुक्रवार देर शाम भारत से रवाना होंगे।

राजनीतिक दलों ने पुतिन के दौरे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह समिट पिछले 26 वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों का परिणाम है और इसका आधार 1955 में स्थापित भारत-सोवियत पार्टनरशिप है। वहीं, पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह ने कहा कि यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने तक सीमित है और अमेरिका के दबाव के कारण इसे ज्यादा अहमियत दी जा रही है।

पुतिन की 30 घंटे की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाए हैं और रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों और यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी कच्चे तेल की खरीद में बढ़ोतरी को लेकर प्रतिबंधों की चेतावनी दी है।

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