प्रेक्षागृह के निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरे पिथौरागढ़ के छात्र व कलाकार

अपर सचिव को भेजा ज्ञापन पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ में प्रेक्षागृह को निजी हाथों में देने का विरोध जोर पकड़ने लगा है। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार…

अपर सचिव को भेजा ज्ञापन

पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ में प्रेक्षागृह को निजी हाथों में देने का विरोध जोर पकड़ने लगा है। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा संग्रहालय के पास स्थित प्रेक्षागृह को सिनेमाहॉल के रूप में परिवर्तित किये जाने के लिये इस निजी हाथो में दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के खिलाफ सोमवार को रंगकर्मियों, नाट्य दल-कलाकारों, छात्रों व आम लोगों ने नगर में रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। तुरही व रंगकर्म वाद्य यंत्रों के साथ प्रदर्शनकारी नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे जहां सभा के बाद अपर सचिव उत्तराखंड शासन को ज्ञापन भेजा गया।

pithoragh me prekshagrah ko cinema hall ko dene par log naraj kiya pradarshan

उल्लेखनीय है कि नगर में नैनीसैनी स्थित राजकीय संग्रहालय में ही प्रेक्षागृह स्थापित है जिसमें अक्सर नगर व जिले भर की टीमें रंगकर्म व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करती हैं। हाल में उत्तराखंड शासन ने इस प्रेक्षागृह को पीपीपी मोड पर निजी हाथों में देने का फैसला किया है, जिसके तहत प्रेक्षागृह को सिनेमाहॉल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार के इस निर्णय का पता चलते ही लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में सोमवार को लोगों ने शासन के इस निर्णय के खिलाफ नगर में रैली निकाली और नारेबाजी के बीच कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रेक्षागृह जिला मुख्यालय सांस्कृतिक गतिविधियों विशेषकर रंगकर्म के लिए उचित स्थान है। पिछले कुछ वर्षों से इस प्रेक्षागृह का इस्तेमाल रंगकर्म व लोक सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। क्षेत्र की नाट्य प्रतिभाओं व कलाकारों को निखारने में प्रेक्षागृह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, लेकिन इसे निजी हाथों में देना इन प्रयासों व संभावनाओं के लिए बड़ा झटका है।

प्रदर्शनकारियों ने प्रेक्षागृह के निजी हाथों में देने के निर्णय या किसी भी प्रयास पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
पिथौरागढ़ छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश जोशी, पूर्व अध्यक्ष महेंद्र रावत, सांस्कृतिक सचिव विनय भट्ट, विवि प्रतिनिधि गोवर्धन, जनमंच के संयोजक भगवान सिंह रावत, आरंभ स्टडी सर्किल के चतुर बोरा, भाव राग ताल नाट्य अकादमी के कैलाश कुमार व अन्य सदस्य, नाट्य संस्था थात के सतीश जोशी, निर्मल साह के साथ ही बदलते हाशिये का रंगमंच, हरेला सोसायटी, अर्पण, नवोदय पर्वतीय कला केंद्र, दर्पण कला मंच, प्रकाश रावत एंड पार्टी, कला संगीत परिषद, सुर संगम कला समिति, जनजाति सांस्कृतिक कला मंच जौलजीबी, थलकेदार कला समिति व जै उत्तराखंड देवभूमि आदि संस्थाओं से जुड़े लोग प्रदर्शन मे शामिल रहे। लोगों ने इस निर्णय को वापस ना लिये जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।