उत्तराखंड में बारिश बनी आफत का सबब, जनजीवन बेहाल कई जिलों में अलर्ट जारी

देहरादून में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक जगह जगह हालात बिगड़ते जा रहे…

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देहरादून में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक जगह जगह हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बीते दिनों हुई भारी बारिश और आपदा ने उत्तराखंड को गहरे जख्म दिए हैं। हालात यह हैं कि रुक रुक कर हो रही बारिश के चलते कई संपर्क मार्ग अब भी बाधित हैं। आम लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। उधर मौसम विभाग ने एक बार फिर चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के कई हिस्सों में आज हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज और चमक की संभावना बनी हुई है। देहरादून नैनीताल और बागेश्वर जिलों में कहीं कहीं भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए विभाग ने ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। वहीं उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग चमोली पिथौरागढ़ चंपावत और पौड़ी जनपदों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में आकाशीय बिजली गिरने और तेज बारिश का खतरा जताया गया है।

राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां आज आसमान ज्यादातर समय बादलों से ढका रह सकता है। कई इलाकों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। विभाग ने अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है।

राज्य में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है और कई जगह आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। कुमाऊं और गढ़वाल के इलाकों में भारी बारिश से तबाही मची है। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर धरासू और नालूपानी के पास भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया था। हाईवे के दोनों ओर लोग फंस गए थे। सूचना पर पहुंची बीआरओ की टीम ने मशीनों की मदद से सड़क को खोलने का काम शुरू किया।

धराली क्षेत्र की आपदा ने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया है। कई घर तबाह हो गए और कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। परिजन अपनों की तलाश में भटक रहे हैं। आपदा के कारणों की जांच के लिए वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे हैं। भूवैज्ञानिकों ने धराली और हर्षिल क्षेत्र में हालात का जायजा लिया है और अब वहां बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। हर्षिल में बनी अस्थायी झील से पानी निकालने का काम भी किया जा रहा है ताकि और खतरा न बढ़ सके।