रुद्रप्रयाग जिले में बीती रात जो बारिश हुई उसने सबकुछ तहस नहस कर दिया। केदारघाटी का रुमसी गदेरा उफान पर आ गया और उसकी चपेट में दो गांव आ गए। बेड़ू बगड़ और चमेली गांव में रात के वक्त तेज बारिश ने कहर ढाया। गांववालों का कहना है कि रात में बादल फटा। जब सब गहरी नींद में थे तब अचानक भयानक आवाजें सुनाई दीं। लोग डर के मारे घरों से बाहर भागे। बाहर निकले तो तब तक मलबा गांव में घुस चुका था।
सुबह जब उजाला हुआ तो लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। जहां कभी घर थे वहां मलबा पसरा हुआ था। कई मकान दब चुके थे। कई गाड़ियां मलबे में गुम हो गई थीं। किसी का दोपहिया बाहर झांक रहा था तो किसी वाहन का तो पता तक नहीं चल पा रहा है। गांव का इंटर कॉलेज भी बुरी तरह मलबे से घिर गया। उस जगह का नजारा ही बता रहा था कि रात को कैसी आफत आई थी।
इलाके की हालत ऐसी हो गई है कि मलबा हटाने में लंबा वक्त लग सकता है। नुकसान कितना हुआ है इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है। राहत की बात ये है कि अब तक किसी की जान जाने की खबर नहीं आई है। लेकिन डर सबके चेहरे पर साफ देखा जा सकता है।
रुद्रप्रयाग में सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि केदारनाथ यात्रा मार्ग भी इस बारिश की चपेट में आ गया है। गौरीकुंड के पास एक पहाड़ी दरक गई। जिससे पूरा पैदल रास्ता बंद हो गया। भारी मलबा और पत्थर रास्ते में आ गए हैं। जिसके बाद प्रशासन ने यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। लोक निर्माण विभाग के लोग रास्ता खोलने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक रास्ता नहीं खुल जाता तब तक किसी को आगे जाने की इजाजत नहीं है।
पुलिस ने लोगों से साफ कहा है कि मौसम का ध्यान रखें और जब तक मौसम ठीक न हो तब तक यात्रा पर न निकलें। उत्तराखंड में इस वक्त भारी बारिश का दौर चल रहा है। पिछले कई दिनों से बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। मौसम विभाग लगातार अलर्ट दे रहा है। और इस बार की बारिश ने सच में लोगों की नींद उड़ा दी है।
