उत्तरा न्यूज डेस्क:23 अप्रैल—
लॉक डाउन के इस दौर में राजस्थान के सीकर से एक सुकून देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक स्कूल में क्वारेंटाइन(Quarantine) किए गए मजदूरों ने स्कूल में रंगरोगन कर उसे चमका दिया। मजदूरों का यह कार्य सोशल मीडिया में खूब शाबासी बटोर रहा है।
बताते चले कि लॉक डाउन में सबसे असहज दिखा है आम जन या मजदूर जो दो जून की रोटी के लिए परदेश गया और बंदी की मार भी इसी ने झेली, मकान मालिक द्वारा कमरा खाली करा दिए जाने से पैदल अपने घर को रास्ता भी यही लगा तो कुछ लोगों को यहीं वर्ग भीड़ बड़ाने वाला भी नजर आया।
कई स्थानों पर नियमों का उल्लंघन करने की वजय से मुर्गा भी बनना पड़ा लानन सलामत भी झेलनी पड़ी।
सीमा पार कर अपने राज्य में पहुंचा तो क्वारेंटाइन भी होना पड़ा यहीं कहानी है यहीं फलसफा है लेकिन इस फलसफे के भीतर एक दिल है, संस्कार हैं और अपने आश्रय क्षेत्र के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है।
अब जो कहानी है उसे बताते हैं राजस्थान के सीकर में एक गांव के हाईस्कूल में विभिन्न जगहों से आए मजदूरों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया था।
वहां रहने के दौरान मजदूरों ने देखा कि लंबे समय से स्कूल की पेंटिंग नहीं हुई है साफ सफाई नहीं हुई है तब उन मजदूरों ने सरपंच के सामने पेंटिंग करने का प्रस्ताव रखा।
बस फिर क्या था तुरंत ही पेंट, चूना, ब्रश इत्यादि का इंतजाम हुआ और उन मजदूरों ने अपने क्वॉरेंटाइन के दौरान पूरे स्कूल की शक्ल सूरत बदल दी और इसके लिए उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया बल्कि सरपंच से कहा कि हम यहां पर हैं मुफ्त में खा रहे हैं तब हमारा फर्ज है कि हम कुछ न कुछ इस स्कूल को दें।
मजदूरों के इस कार्य की अब सोशल और प्रचलित मीडिया में काफी तारीफ हो रही है।
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उक्त सूचना का सार और जानकारी मित्र नवेंदु मठपाल के वाल से सभार