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करोना काल में महंगाई की मार सबसे ज्यादा हावी हुई है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ-साथ महंगाई भी आसमान छू रही है, पर अब पिछले 3 हफ्तों में खाद्य तेलों और सब्जियों में लगी महंगाई की आग अब ठंडी पड़ने लगी है। आलू-प्याज और टमाटर के दाम अब धीरे-धीरे काबू में आ रहे हैं। हालांकि, इस दौरान खुली चाय, नमक, चावल, गेहूं और कुछ दालों के rate में मामूली बढ़त हुई है।
उपभोक्ता मंत्रालय की website पर दिए गए हैं। आपको बता दें कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा गिरावट टमाटर के rate में हुई है। 3 हफ्ते पहले तक औसतन 44.00 रुपये किलो मिलने वाला टमाटर अब 34.34 फीसद सस्ता होकर 28.89 रुपये प्रति किलो पर आ गया है। वहीं, आलू भी अब 6 फीसद गिरकर 21 रुपये पर है। प्याज भी इस अवधि में सस्ता हुआ है।
पिछले साल किचन का बजट बिगाड़ने वाले सरसों, सोयाबीन, पामोलीन,सूरजमुखी समेत कई खाद्य तेलों के भाव, इन हफ्तों में गिरे हैं। 4 January 2022 की तुलना में 25 January को खाद्य तेलों के भाव कम हुए हैं। इस दौरान अरहर, चना दाल, उड़द दाल, मूंग दाल में मामूली वृद्धि हुई है।
Bikaner में 1 किलो अरहर दाल की कीमत 132 रुपये
इसके बावजूद 25 januy को जारी आवश्यक वस्तुओं के अधिकतम और न्यूनतम खुदरा कीमतों में काफी अंतर है। कोट्टायम में चना दाल जहां 62 रुपये किलो था तो वहीं गुरुग्राम में 118 रुपये। इसी तरह bikaner में 1 किलो अरहर दाल की कीमत 132 रुपये थी तो जगदलपुर में केवल 70 रुपये। मूंगदाल बीजापुर में 126 रुपये के rate से बिकी तो गोरखपुर में 83 रुपये।
यहां टमाटर 80 रुपये किलो
धनबाद में मुंगफली तेल का packet 242 रुपये था तो वारंगल में 135 रुपये। देश में सबसे महंगा सरसों तेल 238 रुपये कोट्टायम में था तो सबसे सस्ता 110 रुपये शिवमोगा में। इसी तरह अगर आलू की बात करें सबसे सस्ता आलू 9 रुपये किलो सागर में बिक रहा तो सबसे महंगा 44 रुपये किलो एर्नाकुलम में। सागर में ही प्याज भी सबसे सस्ता 17 रुपये था तो सोहरा में 60 रुपये किलो। दुर्ग में टमाटर 10 रुपये किलो था तो साहिबगंज में 80 रुपये प्रति किलो।