हरिद्वार को छोड़ उत्तराखंड के बाकी 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल पिछले वर्ष ही समाप्त हो चुका है। इसके बाद राज्य सरकार ने पंचायतों का संचालन प्रशासकों को सौंप दिया था। अब सरकार जून महीने में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में है। ऐसे में सबसे बड़ा बदलाव यह देखने को मिलेगा कि इस बार तीन बच्चों वाले लोग भी पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे। इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया गया है और 25 जुलाई 2019 को इसकी कट ऑफ डेट तय की गई है। राज्य सरकार ने इस संशोधन को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है।
गौरतलब है कि पहले पंचायती राज कानून के तहत यह प्रावधान था कि 27 सितंबर 2019 के बाद जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, वे पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे। इस फैसले को अदालत में चुनौती दी गई, जहां अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अगर किसी के दो के बजाय जुड़वा बच्चे होते हैं तो उन्हें एक इकाई ही माना जाएगा। इसके बाद सरकार ने भी आदेश जारी किया, लेकिन उसमें कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 दी गई, जिससे नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी।
अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वीकृति के बाद ‘उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश 2025’ को राज्यपाल के पास भेजा गया था। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब यह अध्यादेश अधिसूचित कर लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब जिनके पास 25 जुलाई 2019 से पहले दो से अधिक संतानें हैं, वे पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, जिनके पास इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे हैं, वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। हालांकि अगर 25 जुलाई 2019 या इसके बाद किसी को जुड़वा संतान होती है, जिससे बच्चे तीन हो जाते हैं, तो उन्हें भी चुनाव लड़ने की अनुमति मिलेगी। जुड़वा बच्चों को अब एक इकाई के रूप में ही गिना जाएगा।