देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय तक पर्यावरण निगरानी में कमी के चलते प्रदूषण से जुड़े नियमों का पालन कराना मुश्किल रहा है। राज्य में वाहनों की संख्या बढ़ने और औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही पर्यावरण संकट गहराता गया, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सिस्टम समय के अनुसार अपडेट नहीं किया गया। अब इस चुनौती को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय अब जिला स्तर पर खोलें जाएंगे।
पहले गढ़वाल क्षेत्र के सभी जिलों की निगरानी देहरादून कार्यालय और कुमाऊं क्षेत्र के जिलों की निगरानी हल्द्वानी कार्यालय से की जाती थी। इस व्यवस्था में कर्मचारियों और संसाधनों की कमी के कारण पर्यावरण पर नजर रखना मुश्किल था। अब प्रत्येक जिले में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है, जहां कर्मचारियों की तैनाती होगी और प्रदूषण के मामलों की निगरानी आसानी से की जा सकेगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते के अनुसार, नए कार्यालयों से खासकर पर्वतीय जिलों में जल, वायु और औद्योगिक प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखना आसान होगा। मैदानी जिलों में भी कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा। उम्मीद है कि जल्द ही सभी जिलों में कार्यालय काम करना शुरू कर देंगे और आधुनिक सिस्टम के साथ पर्यावरण पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण करना ज्यादा प्रभावी और आसान होगा।
