अल्मोड़ा। पंचायतों के आरक्षण प्रक्रिया की अनंतरिम सूची जारी होने के आर बुधवार को कई क्षेत्रों में आरक्षण सूची को लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। कुछ क्षेत्र में सूची जारी करने में लापरवाही भी नजर आई है। ऐसी ही एक ग्राम सभा धौलादेवी ब्लॉक में है। नायल नाम की इस ग्राम सभा में आरक्षित वर्ग को कोई परिवार नहीं रहता है लेकिन ग्रामसभा को प्रधान पद के लिए आरक्षित(अनुसूचित वर्ग) किया है। अब ग्रामीण असमंजस में हैं क्योंकि ऐसी स्थिति में वहां चुनाव हो पाना संभव नहीं हैं गांव के पूर्व प्रधान निरंजन शर्मा ने वोटिंग लिस्ट के साथ अपनी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि गांव में कोई भी परिवार आरक्षित वर्ग का नहीं है ऐसी स्थिति में गांव का आरक्षण बदलना चाहिए। इधर कुछ अन्य गांवों से भी यह शिकायत आई है। जहां पूर्व में रहने वाले शिक्षकों के नाम सूची में शामिल होने के कारण उनके आधार पर सीट को आरक्षित किया गया है जबकि गांव में कोई भी व्यक्ति आरक्षित वर्ग का नहीं रहता है। इधर डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि सभी की आपत्तियां ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव 2011 की जनगणना के अनुसार हो रहे हैं। ऐसे में संभव है कि एक या दो परिवार वाले गांवों में माईग्रेशन के चलते ऐसा हुआ हो लेकिन ऐसी शिकायतों का प्राथमिकता से निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक यदि गांव में दो परिवार भी किसी वर्ग के रहते हों उस वर्ग का आरक्षण वहां दिया जा सकता है।