स्थानांतरण एक्ट लागू नहीं होना सरकार की विफलता:: पाठक

अल्मोड़ा:: उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड कुमाऊं मण्डल नैनीताल के पूर्व अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि वर्तमान में माह अगस्त तक…

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अल्मोड़ा:: उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड कुमाऊं मण्डल नैनीताल के पूर्व अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि वर्तमान में माह अगस्त तक भी स्थानांतरण नीति लागू नहीं किया जाना यह बताता है कि राज्य की सरकार निर्णय लेने में सक्षम नहीं है।


उन्होंने कहा कि साल भर से कार्मिक इंतजार कर रहे हैं और उनके द्वारा अनिवार्य व अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण फार्म भरे हैं लेकिन सरकार व विभाग, शासन को कोई फर्क नहीं। आखिर सरकार व विभाग रूटीन कार्य में बांधा क्यों पहुंचाते हैं? आखिर इस उत्तराखण्ड में कब तक अधिकारियों व शासन के चौखट के आगे फरियादी बनकर खड़ा रहेंगे।


तय समय पर कार्य का निस्तारण नहीं किया जाना भी सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। गंभीर बीमार सीनियर् कार्मिक एकल अभिभावक व अन्य श्रेणी सहित सामान्य कार्मिकों दुर्गम में अधिक ठहराव वाले कार्मिकों के साथ कुठाराघात है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य को 25 वर्ष हो गए हैं लेकिन दिन प्रतिदिन काम में गिरावट दर्ज हो रही है सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जिन कार्मिकों से स्थानांतरण के विकल्प लिए है उन विकल्पों पर कार्यवाही कब होगी क्योंकि सदस्यों की पदोन्नति भी होनी है आखिर कब तक किसी को रोका जा सकता है। पदोन्नति व वर्ष भर में एक बार स्थानांतरण अनिवार्य है इस बात को समझना चाहिए और यथाशीघ्र स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण करने के आदेश जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फारगो नियमावली विसंगति निराकरण गोल्डन कार्ड विसंगति और चिकित्सा प्रतिपूर्ति न होना गंभीर मामला है। सरकार को सभी मामलों का निस्तारण करना चाहिए और सभी मामले न्यायालय के द्वारा ही निस्तारण करने है तो स्थानांतरण अनुभाग कोर्ट में ही खोल देना चाहिए।
पाठक ने कहा कि इस राज्य के लिए कार्मिकों ने भी 94 दिन की हड़ताल की थी ऐसा निर्णय नहीं लेने वाले प्रतिनिधियों के हाथ पड़ेगा शर्मनाक स्थिति है। शिथिलीकरण शासनादेश के तहत दोनों मंडलों में कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक के पद पर भी पदोन्नति सूची जारी नहीं होना गंभीर मामला है जबकि भर्ती वर्ष के भीतर ही पदोन्नति हो जानी चाहिए थी। पाठक ने कहा कि सभी मामलों को समयबद्ध निस्तारण करना चाहिए।