रात में काम करने वाले लोग अब केवल थकान का सामना नहीं करते बल्कि उनकी सेहत पर भी गंभीर असर पड़ता है। हालिया शोध में सामने आया है कि रात की शिफ्ट में काम करने वालों में गुर्दे में पथरी बनने की संभावना सामान्य से काफी ज्यादा होती है। यह समस्या खासकर उन युवाओं में देखने को मिली है जो ज्यादा शारीरिक मेहनत नहीं करते और अपनी दिनचर्या ठीक से नहीं बनाए रखते।
शोध में यह भी पता चला कि शरीर का वजन, पानी की कमी और जीवनशैली की आदतें पथरी बनने में अहम भूमिका निभाती हैं। रात में काम करने वालों की नींद, खाने-पीने और बाकी आदतें संतुलित नहीं रहती हैं जिससे शरीर का प्राकृतिक रिदम बिगड़ जाता है। यह रिदम तय करता है कि शरीर कब सोए, कब जागे और शरीर में हार्मोन कब बनें। रिदम के बिगड़ने से मेटाबॉलिज्म और हार्मोन का संतुलन भी प्रभावित होता है और लंबे समय तक ऐसा होने पर गुर्दे में पथरी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
चीन की एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने करीब दो लाख बीस हजार लोगों का डाटा चौदह साल तक फॉलो किया और अलग-अलग शिफ्ट में काम करने वालों की जानकारियां एकत्र की। शोध में यह पाया गया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में पथरी का खतरा करीब पंद्रह प्रतिशत ज्यादा होता है। इसमें जीवनशैली से जुड़ी आदतें जैसे धूम्रपान, नींद की कमी, कम पानी पीना और ज्यादा वजन बढ़ना भी योगदान देती हैं।
अमेरिका के एक मेडिकल विभाग ने भी कहा कि रात की शिफ्ट शरीर की प्राकृतिक रिदम को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है और इस रिदम के बिगड़ने से कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं जिनमें गुर्दे की पथरी भी शामिल है।
