अल्मोड़ा के सरकारी मेडिकल कॉलेज में अब ऐसे मरीजों को भी राहत मिलने की उम्मीद जगी है जो सालों से दर्द से जूझ रहे हैं. कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कॉलेज में एक नई मशीन आई है. इस मशीन के जरिए अब ऐसे मरीजों को आराम देने की कोशिश की जाएगी जो लगातार इलाज के बाद भी दर्द से परेशान रहते हैं.
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आदित्य चौहान ने बताया कि उनके पास अब फिजियोगो लाइट कॉम्बो नाम की मशीन पहुंच चुकी है. इसका इस्तेमाल खास तौर पर उन मरीजों के लिए किया जाएगा जिनका दर्द लंबे समय से खत्म नहीं हो पा रहा था. इसमें अल्ट्रासोनिक थेरेपी और इलेक्ट्रो थेरेपी दोनों तरह की सुविधा मौजूद है. यानी एक साथ दो तरीकों से इलाज किया जा सकता है.
यह मशीन पूरी तरह से पोर्टेबल है. बैटरी से चलती है और वजन भी ज्यादा नहीं है. इसलिए इसे गांव देहात तक ले जाया जा सकता है. डॉक्टर चौहान का कहना है कि यह मशीन उन मरीजों के लिए एक राहत बन सकती है जिन्हें कैंसर गठिया या साइटिका जैसे रोगों में काफी दर्द रहता है.
डॉक्टरों का कहना है कि इस मशीन से इलाज करने पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. पहली बार अल्मोड़ा में इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल होने जा रहा है. इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है जो लंबे वक्त से दवा इलाज के बाद भी चैन की नींद नहीं सो पाए हैं.
कॉलेज के प्राचार्य सीपी भैसोड़ा ने बताया कि यह मशीन सिर्फ अस्पताल के मरीजों के लिए नहीं बल्कि गांव के लोगों को भी फायदा पहुंचाएगी. इसे लेकर अलग अलग इलाकों में कैंप लगाए जाएंगे ताकि बुजुर्गों और दूरदराज के मरीजों तक ये सुविधा पहुंच सके.
मेडिकल कॉलेज का दावा है कि ये मशीन पुराने दर्द को कम करने में असरदार है और आने वाले दिनों में इसका फायदा कई मरीजों तक पहुंचाया जाएगा. अल्मोड़ा के स्वास्थ्य ढांचे में ये एक नई शुरुआत मानी जा रही है.