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इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर नए आंकड़े आए सामने,500 राजनीतिक पार्टियां पहुंची सुप्रीम कोर्ट

Smriti Nigam
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देश में एक और जहां कई राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से करोड़ों रुपए का चंदा दिया गया है। वहीं कुछ ऐसे राजनीतिक दल भी हैं जिन्हें इन योजना के माध्यम से एक पैसा भी नहीं मिला। 500 से अधिक मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए सील बंद लिफाफे में चुनावी बांड का विवरण साझा किया गया है। निर्वाचन आयोग ने शीर्ष कोर्ट में डेटा पेश किया था और उसी ने रविवार को इसे सार्वजनिक किया।

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मायावती की मान्यता प्राप्त बहुजन समाज पार्टी में आयोग से कहा है की योजना की शुरुआत के बाद से उन्हें चुनावी बांड के माध्यम से कोई पैसा नहीं दिया गया है। मेघालय में सत्तारूढ नेशनल पीपुल्स पार्टी एक और ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है जिसे चुनावी बांड के माध्यम से कोई चंदा नहीं दिया गया। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टी नेशनल कांफ्रेंस में चुनावी बांड के माध्यम से भारती ग्रुप से 50 लाख रुपये प्राप्त करने का खुलासा किया है।

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सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने खुलासा किया कि उसे अलम्बिक फार्मा से चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 50 लाख रुपये मिले। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), ऑल-इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनिवादी (भाकपा-माले) समेत वामपंथी दलों को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से कोई चंदा नहीं मिला. वामपंथी दलों का कहना है कि उन्होंने सैद्धांतिक तौर पर इस रास्ते से चंदा लेने से इनकार कर दिया।

कुछ पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों ने सादे कागज पर हाथ से लिखो नोटिस में या कहा कि उन्हें चुनावी बांड के माध्यम से कोई धन नहीं मिला राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, एआईएमआईएम, आईएयूडीएफ, जोरम पीपल्स मूवमेंट, असम गण परिषद, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट, केरल कांग्रेस (मणि), दिवंगत विजयकांत की डीएमडीके, इनेलो, तमिल मनीला कांग्रेस समेत राज्यों में सक्रिय कई दलों ने भी चुनावी बॉण्ड के माध्यम से कोई चंदा नहीं लिया है।

वहीं दूसरी और कुछ अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों जैसे गोवा फॉरवर्ड पार्टी और एमजीपी को क्रमशः 36 लाख रुपये व 55 लाख रुपये के चुनावी बॉण्ड प्राप्त हुए। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड बेचे गए थे।