द्वाराहाट:: पहाड़ों में जल संरक्षण की मिसाल बन चुके कांडे गांव निवासी और आदर्श इंटर कॉलेज सुरइखेत के शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल को जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 6 वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
उन्हें यह सम्मान बेस्ट इंडिविजुअल फॉर एक्सीलेंस इन वाटर सेक्टर श्रेणी में उत्तर भारत के विजेता के रूप में मिला है।
यह पुरस्कार उन्हें 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा।
मोहन कांडपाल पिछले कई वर्षों से “पानी बोओ–पानी उगाओ” अभियान चला रहे हैं। उन्होंने 40 से अधिक गांवों में जल संरक्षण कार्यों के माध्यम से 4500 से अधिक गड्ढे, वर्षा जल संरक्षण संरचनाएँ व स्थानीय स्रोतों का पुनर्जीवन करवाया है। साथ ही 1 लाख से अधिक पौधरोपण, ग्रामीणों व छात्रों को जोड़कर जल संरक्षण की व्यापक पहल की है।
उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में सूख चुके गधेरों, धारों व पारंपरिक स्रोतों के पुनर्भरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं की पानी की समस्या में कमी आई तथा युवाओं और विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता बढ़ी। वहीं क्षेत्र की रिक्सन नदी में भी जल की बढ़ोतरी हुई है। पूरे क्षेत्र में उनकी इस उपलब्धि से हर्ष का माहौल है।
