उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मुख्यमंत्री के रूप में 4 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस अवधि में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के संकेतों को समझा और उसका आचरण भी किया।
प्रधानमंत्री ने भी धामी सरकार की पीठ थपथपा कर अच्छे कार्यों को सराहा। इसके साथ ही हर संभव सहायता देकर प्रदेश का विकास भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पद संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा का चुनाव था।
कारण यह है कि राज्य गठन के बाद जितने भी विधानसभा चुनाव हुए। उनमें से कोई भी सत्तारूढ दल लगातार दूसरी बार जीत नहीं हासिल कर पाया लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने इस भ्रम को तोड़ दिया और भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनी।
भाजपा हाईकमान ने इसका श्रेय धामी को दिया और दोबारा मुख्यमंत्री पद का दायित्व भी सौपा। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कई अहम निर्णय भी लिए। धामी प्रदेश घर में सक्रिय रहे और हर क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास किया।
सिलक्यारा टनल प्रकरण में उनकी सक्रियता और केंद्र के सहयोग का ही नतीजा रहा है कि यह आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से भी प्रदेश की अलग पहचान बनीं।
अब अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर वह भाजपा की सरकारों में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं।
