नवरात्र में पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा का विशेष प्रावधान है।
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता ॥ सब के मन की जानन हारी, जग जननी सब की महतारी ॥ तेरी ज्योत जलाता रहू मै, हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै ॥ कई नामो से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा ॥ कही पहाड़ो पर है डेरा, कई शेहरो मै तेरा बसेरा ॥ हर मंदिर मै तेरे नजारे, गुण गाये तेरे भगत प्यारे ॥ भगति अपनी मुझे दिला दो, शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो ॥ इन्दर आदी देवता मिल सारे, करे पुकार तुम्हारे द्वारे ॥ दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये, तुम ही खंडा हाथ उठाये ॥ दासो को सदा बचाने आई, ‘चमन’ की आस पुजाने आई ॥ जय माता दी