हेमराज सिंह चौहान
लोकसभा चुनाव अब अपने पूरे रंग में नज़र आ रहा है। एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी के बीच जमकर ज़ुबानी जंग चल रही है तो वहीं रायबरेली-अमेठी में प्रियंका गांधी वाड्रा ने डेरा डाला हुआ है और वो पीएम मोदी के हमलों का जवाब दे रही है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आते ही दिल्ली में सियासी तूफ़ान ला दिया है। वो एक जून तक अंतरिम ज़मानत पर बाहर आए हुए हैं। यानि 21 दिन वो लोकसभा चुनाव में प्रचार करते नज़र आएंगे, दिल्ली में 25 मई को छठे चरण मतदान हैं और फ़िलहाल उन्होंने यहां की सातों सीटों पर बीजेपी को शिकस्त देने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया है।
बता दें कि दिल्ली में इस बार कांग्रेस और आप का गठबंधन है।आप पार्टी चार और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के दूसरे दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ जाकर बजरंग बली के दर्शन किए, इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस मैं मोदी-शाह पर ताबड़तोड़ हमले करते हुए कहा कि अगर नरेंद्र मोदी चुनाव जीतते हैं तो वो विपक्ष के सभी नेताओं को जेल भेज देंगें,केजरीवाल ने आगे कहा कि उन्होंने मुझे जेल भेजकर ये संदेश देने की कोशिश की है।
पीएम मोदी के साथ केजरीवाल के निशाने पर शाह भी थे, उन्होंने कहा कि मोदी-शाह अगर चुनाव जीत गए तो ये दोनों दो महीने में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे। केजरीवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि मोदी अपने लिए नहीं बल्कि शाह के लिए वोट मांग रहे हैं।अगले साल सितंबर में पीएम मोदी 75 साल के हो जाएँगे और वो शाह को प्रधानमंत्री बना देंगे, उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत हो रही है और हम सरकार बनाने जा रहे हैं। केंद्र में सरकार बनते ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली का गर्वनर गुजरात का नहीं होगा,उन्होंने कहा कि तानाशाही से लड़ने के लिए वो 24 घंटे काम करेंगे।
केजरीवाल के हमलों से ये बात साफ़ है जैसे जैसे चुनाव के बाक़ी चरणों में वोटिंग का समय नज़दीक आएगा वैसे वैसे यहाँ सियासी पारा और भी ज़्यादा चढ़ेगा। केजरीवाल के बाहर आने के बाद आप में नई ऊर्जा नज़र आ रही है और कार्यकर्ता जमकर मैदान में आ गए हैं। इंडिया गठबंधन के कई दल चाहते हैं कि केजरीवाल उनके राज्य में आकर चुनाव प्रचार करें।
दिल्ली की सात, पंजाब की 13 और कुरुक्षेत्र की एक सीट को मिला दिया जाए तो आने वाले समय में जिन लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी हैं उसमें से 18 सीटों पर आप चुनाव लड़ रही है। दिल्ली के साथ ही केजरीवाल का फ़ोकस पंजाब पर होगा जहां उनकी पार्टी की सरकार है। यहाँ आप और कांग्रेस अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। किसान आंदोलन के बाद से बीजेपी की यहाँ हालत काफ़ी पतली हैं और उम्मीद की जा रही है लोकसभा चुनाव में बीजेपी को साल 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह बड़ा नुक़सान होगा, हालाँकि बीजेपी पूरी कोशिश करेगी कि वो पंजाब में कुछ सीटों जीतें।
कुल मिलाकर केजरीवाल ने पीएम मोदी से सीधे टकराने के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस के साथ उनके गठबंधन की वजह से दिल्ली में बीजेपी को विपक्ष टक्कर देता हुआ नज़र आ रहा है।पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था और उसकी पूरी कोशिश होगी कि 400 पार के आँकड़े के लिए वो अपना प्रदर्शन दोहराए लेकिन मौजूदा हालात में ये काफ़ी मुश्किल नज़र आ रहा है। पिछली बार पुलवामा आतंकी हमले ने चुनाव में बड़ा फ़र्क़ डाला था। बीजेपी केजरीवाल पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगा रही है,लेकिन जनता के मन में केजरीवाल के लिए एक सहानुभूति तो नज़र एकता है। लेकिन देखना होगा कि क्या ये वोटों में तब्दील हो पाएगी. लेकिन एक बात की गारंटी है कि ये चुनाव काफ़ी रोमांचक होने वाले है।
