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ऐसे सरकती है सरकीरी मशीनरी,10 माह बाद भी निस्तारित नहीं हुई पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी के अस्थि विसर्जन के खर्च की फाइल आफिस आफिस चक्कर लगा रही है यह फाइल

उत्तरा न्यूज डेस्क
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डेस्क:- पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी हमेशा लालफीताशाही के कार्यों पर सवाल उठाते रहे थे, उनका मानना था कि लाल फीताशाही हमेशा काम को लटकाती है, वास्तव में सोचा जा़य तो उनकी चिंता निर्मूल नहीं थी| क्योंकि पता चला है कि उनकी मौत के बाद उन्हीं की अस्थि विसर्जन का खर्च कोई विभाग उठाने को तैयार नहीं है। विसर्जन में हुए खर्च की फाइल पिछले 10 महीने से आफिस आफिस घूम रही है। फिर भी कोई बजट देने को तैयार नहीं है।
प्रचार तंत्रों के मुताबिक सूचना विभाग ने तो साफ लिख दिया है कि इस तरह के कार्यक्रम, आयोजन के लिए बजट में कोई भी व्यवस्था नहीं है।इसके लिए शासन को नौ जनवरी को शासन को पत्र लिखा था। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 15 मार्च 2019 को फिर शासन को बजट देने के लिए पत्र लिखा लेकिन इस बार जो जवाब आया उसने चौंका दिया। शासन के संबंधित विभाग ने 15 मई 2019 को भेजे पत्र में साफ लिखा है कि इस तरह के आयोजन व कार्यक्रम के खर्च के लिए बजट में कोई व्यवस्था नहीं है। मालूम हो कि स्वर्गीय बाजपेयी के अस्थि विसर्जन में 2.54 करोड़ रुपये खर्च हुए थे|
गोमती नदी के किनारे हुए अटल के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में कुल दो करोड़ 54 लाख 29 हजार 250 रुपये खर्च हुआ था। टेंट, स्टेज, साउण्ड सिस्टम, लाइटिंग, बैरीकेडिंग सहित तमाम कामों में यह रकम खर्च हुई थी। अस्थियों के विसर्जन के लिए 23 अगस्त 2018 को हनुमान सेतु के पास गोमती नदी के किनारे कार्यक्रम आयोजित हुआ था। तत्कालीन गृहमंत्री व वर्तमान में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खुद विशेष विमान से अटल की अस्थियां लेकर लखनऊ आए थे। यहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल राम नाइक, दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित तमाम मंत्री मौजूद रहे थे|

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