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किसान क्रांति मार्च को लेकर हलकान यूपी और केन्द्र सरकार

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसानों के क्रांति मार्च को लेकर केन्द्र सरकार बैकफुट पर दिख रही है।  9 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली के किसान घाट में जा रहे किसानों को पुलिस ने ​दिल्ली यूपी बार्डर पर ही रोके रखा है। इससे राजमार्ग में जाम की सी स्थिति बनी हुई है। सोमवार से ही बार्डर पर तनाव की स्थिति बनी रही। सूत्रों के मुताबिक लाठी चार्ज में कई किसान घायल हुए है। किसानों की रैली के मददेनजर यूपी से लगे कई इलाकों में 8 अक्टूबर तक के लिये धारा 144 लगा दी गयी थी। किसानों ने बिना शर्त कर्ज माफी, खेतों के लिए मुफ्त बिजली दिये जाने, गन्ना मिलों का बकाया भुगतान , फसलों के अधिकतम मूल्य ( एमएसपी ) दिये जाने, बिजली और डीजल के दामों में कटौती की मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली जाने की कोशिश की। किसान नेताओं ने 3 लाख किसानों की भीड़ होने का दावा किया। हालत यह है कि दिल्ली यूपी की सीमा पर हर जगह हरे रंग के झंडे लहराते किसान दिख रहे हे। पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोंडा, बस्ती और गोरखपुर जैसे दूर-दराज के इलाकों से आये किसानों के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आये किसानों की भारी भीड़ नजर आयी। उत्तर-प्रदेश से लगने वाली दिल्ली की सीमा पर स्थित पुलिस चौकियों में धारा 144 लागू कर दी गयी जिससे पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने, सार्वजनिक बैठक,ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर रोक लग गयी है।


गौरतलब है कि 23 सितंबर को हरिद्वार के टिकैत घाट से 23 सितंबर को यह किसान क्रांति यात्रा शुरू हूई थी और इसे मंगलवार 2 अक्टूबर को इसे दिल्ली पहुचना था। ​इस यात्रा को लेकर किसानों के काफी जोश देखा गया। टैक्टर, बस, रेल और पैदल चलकर किसान इस रैली में भाग लेने के​ लिये कई दिन पहले ही घर से निकल चुके थे। किसानों पर हुई लाठीचार्ज और वाटर कैनन प्रयोग करने की किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने निंदा की है। सत्ताधारी पार्टियों को छोड़कर सभी दलों ने किसानों के इस आंदोलन को अपना स​मर्थन देने का ऐलान किया है ।


अभी तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है ​लेेकिन किसान अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़े हुए है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 7 सूत्रीय मांगों को लेकर समझौता हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक स्वामीनाथन आयोग और कर्ज माफी की मांग के अलावा सात मांगों को हल करने को केन्द्र सरकार राजी है। सरकार की ओर से समझौता होने की बात कही जा रही है लेकिन जब
उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा केंद्रीय कृषि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ किसानों से मिलने के लिए गये तो किसानों ने सुरेश राणा वापस जाओं के नारे लगाये। अभी भी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली यूपी बार्डर पर जमे हुए है।