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फिर लगा खाकी पर दाग, घर में घुसकर मारपीट का लगा आरोप

Newsdesk Uttranews
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बागेश्वर से राज़ू परिहार 

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बागेश्वर। बागेश्वर जिले में खाकी एक बार फिर दागदार हुई है। देर रात पुलिस के दो अधिकारी सहित चार अन्य सिपाहियों ने एक परिवार के घर में घुसकर जमकर तांडव मचाया। पुलिस ने 8 साल के मासूम और 80 साल की बुजुर्ग महिला को भी नहीं बख्शा। हालांकि सीसीटीवी कैमरे होने की भनक लगते ही दो व्यक्तियों को जबरन गाड़ी में ठूसकर पूरी पुलिस टीम चलते बनी।
पुलिस के एक सिपाही और खनन माफिया की सौदेबाजी के आडियो का बवाल अभी थमा नहीं था कि एक और सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया। पीड़ित परिवार के मुताबिक दिन ढलते ही दो एसआई और चार-पांच पुलिस के जवान उनके घर पर आ धमके। घर की तलाशी लेने के नाम पर पहले उन्होंने जमकर गाली गलौज की और घर के सभी सदस्यों को धमकाया। पुलिस ने आरोप लगाया कि उन्हें खूफिया सूचना मिली है कि वे अवैध शराब का कारोबार करते हैं। पुलिस ने जबरन कई कमरों के दरवाजे तोड़ डाले और छानबीन की। छानबीन के दौरान पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। बौखलाये पुलिसकर्मियों ने पीड़ित परिवार पर जमकर लात घूसे बरसाये। युवा कारोबारी राजू पांडे को उनकी ही दुकान से घसीट कर बाहर निकाला गया। पुलिस ने इस दौरान 8 साल के नन्हे मासूम और 80 साल की बुजुर्ग महिला को भी नहीं बख्सा गया। पुलिस ने उन्हें धक्का देकर चोटिल कर दिया। घटना के बाद बुजुर्ग मां अभी भी सदमे में हैै। जब पुलिसकर्मियों को पता चला कि घटना की जगह पर सीसीटीवी लगी हुई है तब परिवार के मुखिया और एक अन्य को जबरन पुलिसकर्मी गाड़ी की ठूंसकर चलते बने।
पूरे मामले में गौर करने वाली बात है कि कोतवाली पुलिस ने बिना किसी सबूत के पीड़ित पर सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया।इस पर पुलिस ने दुकानदार राजू पांडे और उसके भाई गिरीश पांडे को गिरफ्तार कर लिया। वहीं घटना में शामिल दिनेश पांडे पुलिस की पकड़ से भागने में कामयाब रहा। आरोपियों के खिलाफ धारा 353, 504, 506, 332 और 427 में मामला दर्ज किया गया। सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया। जहां से न्यायिक हिरासत में अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया है।इस दौरान पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शनी और कोतवाल पूरे मामले पर चुप्पी साधे रहे। मामले में जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस की एक टीम पीड़ित के घर जाकर सीसीटीवी की जांच में जुट गयी है।

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पुलिस पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

बागेश्वर। रविवार रात चेकिंग के बाद गिरफ्तार किए गए दुकानदार राजू पांडे की पत्नी और नारायणदेव वार्ड की सभासद बबीता पांडे ने पुलिस पर जबरन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा पुलिस चेकिंग के नाम पर जबरन दुकान में घुसी और गाली गलौज करने लगी। पुलिस वालों ने उनके पति राजू पांडे को दुकान से जानवरों की तरह घसीटते हुए बाहर निकाला। इस दौरान उन्हें चोट भी लगी। इतना ही नहीं उनकी 80 साल की मां के सामने ही उन्हें मारा व बुजुर्ग माता को भी धक्का दिया। उन्होंने दुकान के भीतर कुर्सी और बाहर रखा वॉस बेसन भी तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसी साजिश के तहत उनके परिवार को निशाना बनाया है। जब उनकी दुकान में चेकिंग के दौरान कुछ नहीं मिला तो उन्हें मारा पीटा और कई धाराएं लगाकर जेल भेज दिया। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि के घर में घुसकर पुलिस इस तरह से तोड़फोड़ करती है और पीड़ितों को ही सजा भी दी जाती है। जिससे अब परिवार को भी पुलिस से खतरा है। उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए आखिरी दम तक लड़ेगी। उन्होंने इंसाफ की खातिर अपने पद से इस्तीफा देने तक की चेतावनी दी।

सोशल मीडिया पर छाया मामला

घटना की सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जिसको लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। वीडियो में जिस तरह से पुलिस दुकानदार को घसीट रही है, उस पर लोग मित्र पुलिस के टैग पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोग पुलिस के इस काम को उसकी ड्यूटी का हिस्सा बता रहे हैं।

रविवार की शाम एसआई अकरम के नेतृत्व में पुलिस छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान तीन लोगों ने उन पर ईंट फेंककर मारी है। इस दौरान एक सिपाही के पीठ पर चोट लगी है। अकरम की रिपोर्ट पर तीन लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। दो लोगों को जेल भेज दिया है। इसी मामले में दूसरा पक्ष भी उनके पास आया था। उनका आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ ज्यादतीय की है। उन्होंने पूरे मामले की जांच सीओ महेश चंद्र जोशी को सौंप दी है। वे पूरी घटना की जांच करेंगे। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एसपी ने कहा कि जिन्होंने पुलिस के साथ अभद्रता की है, उसमें से एक के खिलाफ पहले भी धारा 151 में मामला दर्ज है। तब उसने कोतवाल का कॉलर पकड़ लिया था।